उत्तराखंड में महिला समूहों को 10 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण देने की तैयारी..
अच्छा काम करने पर ये सुविधा भी मिलेगी..
राज्य सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों और गैर-कृषि कार्यों के किसानों को दिए जाने वाले ब्याज रहित ऋण की सीमा बढ़ाने जा रही है।
उत्तराखंड: राज्य सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों और गैर-कृषि कार्यों के किसानों को दिए जाने वाले ब्याज रहित ऋण की सीमा बढ़ाने जा रही है। अभी तक समूहों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 5 लाख रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया जाएगा
इसके साथ ही एकल व्यक्ति मिलने वाले अधिकतम राशि तीन लाख से बढ़कर पांच लाख हो जाएगी। अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा। राज्य का सहकारिता विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-2023 में राज्य में 90230 लाभार्थियों को दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 624.84 करोड़ का ब्याज रहित ऋण दिया जा चुका है। अक्टूबर 2017 में योजना की शुरुआत के बाद से 4347 स्वयं सहायता समूहों सहित 7 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 4050.44 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है।
प्रदेश में गठित हैं करीब 18 हजार समूह..
राज्य में 17975 स्वयं सहायता समूहों, 1463 ग्रामीण संगठनों और 88 क्लस्टर फेडरेशनों को स्थापित कर उन्हें वित्त पोषित किया गया है। 60343 महिला किसानों को चिह्नित कर फार्म लाइवलीहुड और महिला सशक्तीकरण योजना के तहत प्रशिक्षण देकर क्षमता विकास किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक राज्य सरकार ने सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिनको मिशन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।
पैक्स के माध्यम से बनाए गए स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी कार्य समूहों को प्रोत्साहित किया जाएगा। दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने से महिला सशक्तीकरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी।