उत्तराखंड

स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य ने किया कब्जा..

ग्राम पंचायत बोरा के दुर्गाधार में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की जमीन पर हो रहा अतिक्रमण..

वार्ड सदस्य के खिलाफ वन पंचायत सरपंच ने की जिला प्रशासन से शिकायत, नहीं हुई कोई कार्यवाही..

मामले में स्वास्थ्य महकमा साधे है चुप्पी..

जिलाधिकारी ने दिए उप जिलाधिकारी को जांच के आदेश..

 

 

रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बोरा में स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। यहां ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य ने ही स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के आपत्ति के बाद भी वार्ड सदस्य अतिक्रमण करने में लगा है। मामले में स्वास्थ्य महकमा भी चुप्पी साधे हुए है।
बता दें कि ग्राम पंचायत बोरा की वन पंचायत भूमि दुर्गाधार में अति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रस्तावित है। यह कार्यवाही वर्ष 2004 से चल रही है, जिस पर वर्ष 2017 में 25 नाली भूमि का वन विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त निरीक्षण किया और वन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को भवन बनाने को लेकर आख्या दी।

 

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उक्त जमीन पर अपना बोर्ड लगा दिया और भवन निर्माण को लेकर शासन को धनराशि स्वीकृत को लेकर पत्राचार किया, लेकिन मामले में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। विभाग ने वन पंचायत की भूमि पर अपना बोर्ड लगाकर इतिश्री की है। ऐसे में कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर कब्जा करने में लगे हैं। ग्राम पंचायत बोरा के वार्ड सदस्य मुरलीधर ने स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। वे इस भूमि पर पक्का निर्माण करने में लगे हुए हैं। पहले भी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर कब्जा किया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने उनकी शिकायत जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से की और तत्कालीन संयुक्त मजिस्ट्रेट हिमांशु खुराना ने अतिक्रमण हटाया और अब फिर से वार्ड सदस्य की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा है।

 

 

वन पंचायत सरपंच बसंती देवी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण को लेकर 25 नाली जमीन दी गई है, जिस पर विभाग ने बोर्ड तो लगा दिया है, मगर कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य मुरलीधर ने स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर कब्जा करना शुरू कर दिया है, जिसकी शिकायत जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के साथ ही क्षेत्रीय पटवारी से भी की जा चुकी है, लेकिन आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त जमीन पर निर्माण कार्य शुरू न किये जाने से वार्ड सदस्य के हौंसले बुलंद है।

 

कहा कि जल्द ही अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे। वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि ग्राम पंचायत बोरा में स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त हुई है। मामले में उप जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिये गए हैं और दोषी व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

 

20 से 25 किमी की दौड़ लगाने को मजबूर जनता

न्याय पंचायत मयकोटी के एक दर्जन गांवों को स्वास्थ्य लाभ देने को लेकर ग्राम पंचायत बोरा के दुर्गाधार तोक में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है। क्षेत्र की जनता स्वास्थ्य केन्द्र न होने के कारण 20 से 25 किमी की दौड़ लगाकर जिला चिकित्सालय आने के लिए मजबूर है। यहां तक कि व्यवस्था के तौर पर एएनएम सेंटर दुर्गाधार में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन किया जा रहा है।

 

महज तीन कमरों में स्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही एएनएम सेंटर संचालित होने से ग्रामीणों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। प्रधान संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमित प्रदाली ने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के संघर्ष की बदौलत ग्राम पंचायत बोरा-दुर्गाधार में स्वास्थ्य केन्द्र प्रस्तावित हो पाया। आज स्थिति यह है कि पांच सालों से स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र का भवन न बनने से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

 

 

 

स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण से न्याय पंचायत मयकोटी के गोरणा, चामक, दुर्गाधार, चोपता, मयकोटी, कणसिल, कुमोली मालकोटी के ग्रामीणों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। क्षेत्र की जन संख्या पांच हजार के करीब है और स्वास्थ्य केन्द्र का भवन न होने से ग्रामीणों को जिला चिकित्सालय की दौड़ लगानी पड़ती है। कहा कि जल्द ही स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की कार्यवाही शुरू नहीं हुई तो ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन किया जायेगा।

मामले में स्वास्थ्य महकमा साधे है चुप्पी..

ग्राम पंचायत बोरा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रस्तावित है और स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण को लेकर वन पंचायत की 25 नाली जमीन स्वास्थ्य विभाग को दी गई है। जिस पर ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। मामले में जहां स्वास्थ्य महकमा चुप्पी साधे हुए है, वहीं ग्राम प्रधान जयंती गुसाई ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले में जांच की मांग की है।

 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर कब्जा हो रहा है और ग्राम पंचायत के अन्य इलाकों में भी कब्जा चल रहा है, जिसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिंदेश शुक्ला ने कहा कि जिस व्यक्ति ने स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर अतिक्रमण किया है, उसे शीघ्र हटाया जायेगा।

 

 

 

 

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