जानिए विजय दशमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि..
देश-विदेश: अश्विन महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाती हैं। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है। नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन होने के अगले दिन अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है।
दशहरा यानि विजय दशमी के पर्व लेकर माना जाता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अहंकारी लंकापति रावण का वध किया था। रावण के अत्याचार और अंहकार से मुक्ति दिलाने के लिए ही भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया था। भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर पृथ्वी को रावण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी में ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था।
दशहरा कब है..
पचांग के अनुसार इस वर्ष दशहरा का पर्व 15 अक्टूबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि और श्रवण नक्षत्र रहेगा। दशहरा का पर्व दिवाली से ठीक 20 दिन पहले आता है।
दशहरा पूजा मुहूर्त..
पंचांग के अनुसार इस दिन यानि 15 अक्टूबर 2021 को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा।
पंचांग
दशमी तिथि प्रारम्भ- 14 अक्टूबर, 2021 को शाम 06 बजकर 52 मिनट
दशमी तिथि समाप्त- 15 अक्टूबर, 2021 को शाम 06 बजकर 02 मिनट
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ- 14 अक्टूबर, 2021 को प्रातः 09 बजकर 36 मिनट
श्रवण नक्षत्र समाप्त- 15 अक्टूबर, 2021 को प्रातः 09 बजकर 16 मिनट