उत्तराखंड

चारधाम यात्रा- सात अवर अभियंताओं का तबादला, यूपीसीएल ने दिए तैनाती आदेश..

चारधाम यात्रा- सात अवर अभियंताओं का तबादला, यूपीसीएल ने दिए तैनाती आदेश..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से सात अवर अभियंताओं का अस्थायी तबादला किया है। यूपीसीएल के निदेशक (परिचालन) एम.आर. आर्य द्वारा जारी आदेश के अनुसार केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि सभी स्थानांतरित अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। इससे पहले इन स्थलों पर भी अभियंताओं को अस्थायी रूप से तैनात किया गया था, लेकिन अब उनकी जगह नए इंजीनियर भेजे गए हैं ताकि यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए। चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं, ऐसे में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता रहती है। यूपीसीएल की यह पहल यात्रा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

चारधाम यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति को निर्बाध और सुदृढ़ बनाए रखने के लिए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने सात अवर अभियंताओं का अस्थायी तबादला किया है। निदेशक (परिचालन) एम.आर. आर्य द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन अभियंताओं को यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ावों पर तत्काल प्रभाव से तैनात किया गया है। लिनचौली में विनय बिष्ट (विद्युत परीक्षणशाला, सहस्त्रधारा से), जंगलचट्टी में जगदीश पंत (विद्युत परीक्षण खंड, हल्द्वानी से), सोनप्रयाग में तरुण कुमार (काशीपुर से), बद्रीनाथ धाम में नवीन कुमार (रामनगर रुड़की से) और संजीव चौहान (हरिद्वार से), भीमबली में नीरज कुमार (सिडकुल, हरिद्वार से), गौरीकुंड में घनश्याम बिष्ट (हरिद्वार से) को भेजा गया है।

यूपीसीएल के अनुसार यह तबादला चारधाम यात्रा के दौरान विशेष रूप से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को निर्बाध बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। पहले से तैनात अभियंताओं की जगह अब इन नए अभियंताओं को नियुक्त किया गया है। प्रशासन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे तत्काल प्रभाव से अपने कार्यस्थल पर पहुंचकर कार्यभार ग्रहण करें। यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

 

 

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