उत्तराखंड की इस लुभावनी घोषणा पर अटका यूपी और पंजाब की सियासत का पेच..
हर महीने 100 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा..
उत्तराखंड: चुनावी मैदान में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत की बड़ी घोषणा पर यूपी और पंजाब की सियासत का पेच फंस गया है। 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की यह घोषणा अब धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही है।
आपको बता दे कि ऊर्जा मंत्री बनने के बाद डॉ. हरक सिंह रावत ने सात जुलाई को यूपीसीएल में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद उन्होंने घोषणा करी कि उनकी सरकार घरेलू उपभोक्ताओं हर महीने 100 यूनिट बिजली फ्री देगी। जिनका बिल 200 यूनिट का आएगा, उन्हें 50 फीसदी यानी केवल 100 यूनिट का ही शुल्क देना होगा।
इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हर परिवार को प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था। माहौल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मैदान में उतरे थे। उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनी तो वह 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे, जिसकी उनके पास पूरी योजना भी है।
घोषणाओं के इस माहौल में सबसे पहले आप कूदी। इसके बाद हरक की घोषणा को इसके पलटवार के तौर पर देखा गया। इसके बाद हरीश रावत की घोषणा को इस लुभावने माहौल का हिस्सा माना गया। सूत्रों के अनुसार ऊर्जा मंत्री हरक की घोषणा पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इनकार कर चुका है। चूंकि अगले साल उत्तराखंड सहित पांच राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं।
आपको बता दे कि केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड की इस घोषणा से बाकी राज्यों की सियासत को प्रभावित नहीं करना चाहता। प्रदेश में 100 यूनिट बिजली की यह घोषणा इसी सियासी पेच की भेंट चढ़ गई है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात की आशंका है कि उत्तराखंड में 100 यूनिट फ्री देने का वादा करेगी तो बिजली की किल्लत से जूझ रहे यूपी, पंजाब जैसे राज्यों में इस चुनावी घोषणा का दबाव बनेगा।
दो विस सीटों से हारता तो मैं चुनाव नहीं लड़ता : हरक
वहीं कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधा कि यदि वह दो विधानसभा सीटों से चुनाव हारते तो फिर चुनाव नहीं लड़ते। उनका कहना हैं कि ये तो हरीश भाई का ही दम है कि वह अब भी मैदान में हैं। गुरुवार को हरक सिंह रावत ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा, मेरी हरीश रावत के प्रति हमदर्दी है। हरीश रावत बहुत तेज हैं और सुर्खियों में बने रहने के लिए कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि चर्चा, पर्चा और खर्चा से राजनीति जिंदा रहती है। हरीश रावत ये बातें इसलिए करते हैं कि राजनीति में चर्चा होती रहे। वह जानबूझकर ऐसा करते हैं।
वो कोई बात कहें और हम उस पर कोई प्रतिक्रिया (रिएक्शन) दिखाएं। उस पर वह फिर कोई प्रतिक्रिया करेंष वह यह खेल बहुत चालाकी से खेलते हैं। हरक सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री पर 2017 की विधानसभा चुनाव की हार को लेकर भी तंज किया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत दो विधानसभा सीटों से चुनाव हारे। मैं दो सीटों से चुनाव हारता दो चुनाव नहीं लड़ता। ये तो हरीश भाई का ही दम है। भगवान कसम मैं तो हाथ ही जोड़ लेता।