उत्तराखंड

चमोली आपदाः सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी..

चमोली आपदाः सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी..

उत्तराखंड : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा के बाद रविवार से चल रहे राहत बचाव की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ऋषिगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण एक सुरंग में फंसे, एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना के करीब 25 से 35 कर्मियों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस हादसे में एक अन्य सुरंग में फंसे 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

 

 

शाह ने राज्यसभा में कहा कि सात फरवरी की सुबह लगभग दस बजे अलकनंदा की सहायक नदी ऋषिगंगा के ऊपरी क्षेत्र में हिमस्खलन की एक घटना घटी है। जिस कारण ऋषिगंगा नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि हो गयी। बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट क्षमता की एक पन बिजली परियोजना बह गई है। बाढ़ के कारण निचले इलाके तपोवन में एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट की पनबिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा।

 

 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि अब निचले क्षेत्र में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। इतना ही नहीं अब जल स्तर में भी कमी आ रही है। केंद्र एवं राज्य की सभी एजेंसियां स्थिति पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं। गृह मंत्री ने सैटेलाइट से मिली सूचनाओं को राज्यसभा में साझा किया। उन्होंने कहा कि समुद्रतल से करीब 5,600 मीटर ऊपर हिमनद के मुहाने पर यह हिमस्खलन हुआ है। यह हिमस्लखन लगभग 14 वर्ग किलोमीटर जितना बड़ा था। इसी कारण ऋषिगंगा के निचले क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आ गई।

 

 

लापता व्यक्तियों को ढूंढने का काम भी बड़े पैमाने पर..

उत्तराखंड सरकार से मिली सूचना को साझा करते हुए अमित शाह ने कहा कि सोमवार की शाम पांच बजे तक इस आपदा में 20 लोगों की जान जा चुकी है और छह लोग घायल हुए है। इस आपदा में 197 लोग लापता हुए, जिसमें एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना के 139 कर्मचारी, ऋषिगंगा कार्यरत परियोजना के 46 कर्मचारी और 12 ग्रामीण भी शामिल हैं।

 

 

शाह ने कहा कि एक अन्य सुरंग में अंदाजन 25 से 35 लोग फंसे हुए हैं। इन लोगों को बचाने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। साथ ही लापता व्यक्तियों को ढूंढने का काम भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। राज्य सरकार ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के निकट परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घटना स्थल के समीप के 13 गांवों से संपर्क कट गया है। इन गांवों में रसद, जरूरी सामान और दवा आदि सामग्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिये पहुंचाया जा रहा है। केंद्र द्वारा 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। प्रधानमंत्री स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। राज्य सरकार को हर-संभव सहायता दी जा रही है।

 

 

आईटीबीपी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अपना राहत केंद्र स्थापित कर लिया है और बल के 450 जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ के पांच दल भी मौके पर पहुंच गए हैं। सेना के आठ दल बचाव कार्य में जुटे हैं। एक मेडिकल कॉलम और दो एम्बुलेंस भी तैनात हैं। इस काम में नौसेना के एक गोताखोर दल और वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टरों को भी लगाया गया है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राहत एवं बचाव कार्य के लिए जो भी आवश्यक कार्य हैं, उन्हें राज्य सरकार के साथ मिलकर कर रही है।

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