उड़लीखान गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान अद्भुत सुरंग मिली है।..
उत्तराखंड : चौखुटिया में उड़लीखान गांव के पास सड़क निर्माण कार्य के दौरान अद्भुत सुरंग मिली है। बताते हैं कि कत्यूरी राजाओं ने अपनी सेनाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसे बनाया था। घटना की खबर लगते ही इसे देखने ग्रामीणों की भीड़ लग गई। अब कार्यदायी संस्था ने अब इसे पाट दिया है, लेकिन यह खोज का विषय बन गया है।
विकास खंड अंतर्गत उड़लीखान से आगर मनराल गाव को जोड़ने के लिए बीते कुछ समय से मोटर मार्ग निर्माण कार्य चल रहा है। इसी बीच सड़क खोदाई के दौरान गांव के पास दो स्थानों पर चट्टानों के बीच दो सुरंग मिली हैं, जिन पर कलाकृति भी बनी हैं। मौके पर एकत्र लोगों ने इनके भीतर जाने का भी प्रयास किया, लेकिन आगे ये बंद थी। ग्रामीणों का कहना है कि ये सुरंग काफी पुराने हैं, जो समय के साथ ही बंद हो गए हैं। जानकार लोग इन्हें कत्यूरी शासन के दौरान के बता रहे हैं।
कत्यूरी राजाओं की राजधानी रही है लखनपुर…
जहां ये सुरंग मिली हैं, इनके ठीक ऊपर करीब डेढ़ किमी पहाड़ी पर लखनपुर का पौराणिक किला है। बताते हैं कि यहां पर 10वीं व 12वीं शताब्दी में कत्यूर राजाओं की राजधानी रही है। भवन व अन्य अवशेष आज भी मौजूद हैं। 1988 में इस स्थल को पूर्व प्रमुख डॉ. लक्ष्मण सिंह मनराल ने सजाया व संवारा है, जहां कत्यूरी शासन के कई अवशेष सुरक्षित हैं। बताते हैं कि कत्यूरी राजाओं ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से किले पहाड़ी के अंदर दो सुरंग बनाए थे।
लखनपुर किला कत्यूरी राजाओं की राजधानी रहा है। लखनपूर किले से दो पौराणिक सुरंग बने हैं। इनमें एक सुरंग किले से सीधे रामगंगा नदी तक है। इस सुरंग से होकर कत्यूरी राजा स्नान के लिए आते थे। दूसरी सुरंग सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई प्रतीत होती है, जो सैनिकों के लिए उपयोग होती थी। जो किले से सौनगांव के सामने काश्िाणी नामक स्थान तक है।