उत्तराखंड

चारधाम यात्रा- 10 दिन के लिए वैध होगा ट्रिप कार्ड, दूसरे फेरे पर रोक, ऐसे करें आवेदन..

चारधाम यात्रा- 10 दिन के लिए वैध होगा ट्रिप कार्ड, दूसरे फेरे पर रोक, ऐसे करें आवेदन..

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बार परिवहन विभाग ने यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। यात्रा के दौरान वाहनों की नियमितता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड अनिवार्य कर दिए गए हैं। ग्रीन कार्ड यह प्रमाणित करेगा कि वाहन चारधाम यात्रा के लिए उपयुक्त और सुरक्षित है। जबकि ट्रिप कार्ड प्रत्येक यात्रा के लिए अलग से जारी किया जाएगा, जिससे यात्रा की निगरानी और प्रबंधन बेहतर होगा। इन दोनों कार्डों के बिना कोई भी वाहन यात्रा पर नहीं जा सकेगा, जिससे अनधिकृत और असुरक्षित वाहनों की आवाजाही पर रोक लगेगी। इस पहल से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और यात्रा अधिक सुव्यवस्थित रूप से संचालित की जा सकेगी।

चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए परिवहन विभाग ने ट्रिप कार्ड और ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बना दिया है। दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए ट्रिप कार्ड 10 दिनों तक मान्य रहेगा। इस अवधि के भीतर कोई भी वाहन किसी भी धाम का दूसरा फेरा नहीं लगा पाएगा, जिससे भीड़ और अनावश्यक यातायात को नियंत्रित किया जा सकेगा। आरटीओ और चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी सुनील शर्मा का कहना हैं कि उत्तराखंड के किसी भी एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनवाया जा सकता है। इसे ऑनलाइन बनाने के लिए http://greencard.uk.gov.in पर लॉगिन करना होगा। यहां पर वाहन का गाड़ी नंबर और चेसिस नंबर दर्ज करते ही सभी आवश्यक दस्तावेज स्वतः अपलोड हो जाएंगे। इसके बाद ऑनलाइन भुगतान करना होगा। छोटे वाहनों के लिए 400 और बड़े वाहनों के लिए 600 चार्ज के साथ ही यूजर चार्ज भी देना होगा।

आवेदन पूरा होने के बाद एक पर्ची मिलेगी, जिसे परिवहन कार्यालय में दिखाना होगा। आरआई (रजिस्ट्रेशन इंस्पेक्टर) वाहन की तकनीकी जांच करेंगे। साथ ही परिवहन कार्यालय में कंप्यूटर पर सभी जानकारी दर्ज की जाएगी। चारधाम यात्रा के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होने जा रही है, जिसमें सबसे पहले उत्तराखंड के वाहनों को मौका दिया जाएगा और उसके बाद अन्य राज्यों के वाहन आवेदन कर सकेंगे। बता दे कि पिछले साल 32,000 से ज्यादा वाहनों ने ग्रीन कार्ड बनवाया था। इस साल अनुमान हैं कि यह संख्या 36,000 से 40,000 तक पहुंच सकती है। जबकि इस साल 60 लाख यात्रियों के चारधाम यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है।

2.6 मीटर से अधिक चौड़ाई वाले वाहनों को नहीं मिलेगी अनुमति..

चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए वाहनों के लिए कुछ तकनीकी मानक तय किए गए हैं। यात्रा के नोडल अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि वाहनों के टायर और चौड़ाई को लेकर विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उनका कहना हैं कि यात्रा में जाने वाले वाहनों के टायर 173 इंच से अधिक और वाहन की चौड़ाई 2.6 मीटर से ज्यादा होने पर यात्रा के लिए अनुमति नहीं मिलेगी। यदि कोई वाहन इन मानकों से बड़ा है, तो उसे चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। तकनीकी जांच पूरी होने के बाद वाहन स्वामी दो तरीकों से ग्रीन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। http://greencard.uk.gov.in से स्वयं डाउनलोड कर सकते हैं। या परिवहन कार्यालय से भी निकलवा सकते हैं। यह नियम यात्रा मार्ग पर यातायात सुगम बनाए रखने के लिए लागू किए गए हैं। इससे बड़े और भारी वाहनों से होने वाली परेशानियों को रोका जा सकेगा।

नि:शुल्क बनेगा ट्रिप कार्ड..

ग्रीन कार्ड बनने के बाद http://greencard.uk.gov.in पर ही निशुल्क ट्रिप कार्ड बनाया जाएगा। साइट पर सिर्फ वाहन चालक को लाइसेंस नंबर और जन्मतिथि दर्ज करनी होगी। जबकि, पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर बनाई लॉगइन आईडी के माध्यम से यात्रियों की जानकारी अपने आप ही दर्ज हो जाएगी।

चार जगह होगी वाहनों की चेकिंग..

चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों की चेकिंग ब्रह्मपुरी, भद्रकाली, कुठालगेट, हरबर्टपुर कटापत्थर आदि प्रमुख स्थानो पर होगी। परिवहन विभाग के कर्मचारी इन चेकप्वाइंट्स पर वाहनों के ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड के साथ यात्रियों की भी जांच करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि केवल पंजीकृत और तकनीकी रूप से उपयुक्त वाहन ही यात्रा में शामिल हों रहे हैं।

यात्री मोबाइल नंबर पर कर सकेंगे शिकायत..

यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए शिकायत निवारण प्रणाली को भी मजबूत किया गया है। किसी भी तरह की समस्या होने पर यात्री एआरटीओ कार्यालय, जांच केंद्र के साथ मोबाइल नंबर पर शिकायत कर सकेंगे। साथ ही वाहन चालकों या टूर ऑपरेटर की मनमानी की शिकायत भी यात्री कर सकेंगे। यात्रा शुरू होने से पहले मोबाइल नंबर जारी कर दिए जाएंगे, ताकि यात्री समय रहते अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। ओवररेटिंग रोकने के लिए विभाग की ओर से वाहनों का किराया भी तय किया गया है।

बिना पंजीकरण आए यात्री तो ऑपरेटर पर होगी कार्रवाई..

यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए यात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जिसमे तीर्थयात्रियों को पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। बिना पंजीकरण के यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई टूर एंड ट्रैवल कंपनी बिना पंजीकरण के यात्रियों को यात्रा पर लाती है, तो उसके खिलाफ धारा 193 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ परिवहन विभाग से लाइसेंस प्राप्त टूर ऑपरेटर ही यात्रा में आ सकेंगे। टूर एंड ट्रैवल कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रियों को यात्रा से पहले पंजीकरण कराने की जानकारी देना आवश्यक है। कोई भी गलत जानकारी न दें, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।

 

 

 

 

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