उत्तराखंड

सीएम और ऊर्जा मंत्री ने किया वाटर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का शुभारंभ..

सीएम और ऊर्जा मंत्री ने किया वाटर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का शुभारंभ..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील में पर्यटक वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे। बुधवार से झील पर वाटर स्पोर्ट्स की तीन दिवसीय एशियन चैंपियनशिप शुरू हो गई है। चैंपियनशिप का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने किया।

 

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील में पर्यटक वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे। बुधवार से झील पर वाटर स्पोर्ट्स की तीन दिवसीय एशियन चैंपियनशिप शुरू हो गई है। चैंपियनशिप का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने किया। इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने टिहरी झील के पास में इंटरनेशनल स्तर के कयाकिंग और कैनोइंग प्रशिक्षण सुविधा शुरू करने की घोषणा की।

उन्होंने सुझाव दिया कि टिहरी डैम टॉप से यात्रा को एक घंटा और बढ़ा दिया जाए। कहा कि टीएचडीसी कैनोइंग और कयाकिंग को अंगीकृत (अडॉप्ट) करेगी। इसके साथ ही उत्तराखंड को ऊर्जा मंत्रालय से मिलने वाली हर सहायता प्राप्त होगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि टिहरी झील एक नए एडवेंचर लोकेशन के रूप में विकसित हो रही है। देहरादून से टिहरी तक टनल सर्वे किया जा रहा है।

नई खेल नीति खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होगी। नौकरी में खेल कोटा निर्धारित किया जाएगा। इस मौके पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, टीएचडीसी के सीएमडी आरके विश्नोई, किशोर उपाध्याय, विनोद कंडारी, एक देवप्रयाग विधायक, शक्ति लाल शाह, विक्रम सिंह नेगी, और अन्य उपस्थित थे। फोर्थ रैंकिंग एवं ओपन केनो (डोंगी) स्प्रिंट सीनियर पुरुष व महिला चैंपियनशिप के लिए देशभर के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले 260 खिलाड़ी टिहरी पहुंचे हैं। टिहरी में ही इन खिलाड़ियों की रैंकिंग तय होगी। 2022-23 के ओलंपिक और एशियाई गेम्स का यह क्वालीफाइ भी होगा।

आपको बता दें कि टीएचडीसी और आईटीबीपी के तकनीकी सहयोग से इंडियन ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन और उत्तराखंड कयाकिंग एवं केनोइंग एसोसिएशन (यूकेसीए) की पहल पर पहली बार टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जा रही है। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डॉ. डीके सिंह का कहना हैं कि सेना, बीईजी, दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, यूपी, केरल, त्रिपुरा, भारतीय नौ सेना, उत्तराखंड, बिहार राज्यों के एथलीट यहां पहुंचे हैं।

टिहरी झील में के-2, के-4, के-1 और सी-2, सी-4 और सी-के में दमखम दिखाएंगे। यहां के का अर्थ कयाकिंग जबकि सी- का अर्थ कैनोइंग है। झील में 1000 मीटर, 500 मीटर और 200 मीटर का रेसकोर्स तैयार कर बलून और रोप डाली गई हैं। झील में उत्तराखंड कयाकिंग एवं केनोइंग एसोसिएशन की ओर से पहली बार कैनो पोलो का डेमो भी सीएम और केंद्रीय मंत्री के सम्मुख दिया जाएगा। कैनो पोलो में खिलाड़ी झील के ऊपर कयाक को पोलो के रूप में प्रयोग करते हैं।

टिहरी बांध की झील में टिहरी वाटर स्पोर्ट्स में अंतरराष्ट्रीय खेलों के दौरान प्रयोग होने वाली नेलो बोट का प्रयोग किया जाएगा। नेलो एक पुर्तगाली कंपनी है। जो रेसिंग, टूरिंग, फिटनेस, सी-रेसिंग, पैराकेनो, सर्फस्सी ओर स्लैलम के लिए कश्ती, डोंगी का डिजाइन और निर्माण करती है। ओलंपिक सहित सभी इंटरनेशनल खेल में इसी बोट से कयाकिंग और कैनोइंग की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, कयाकिंग फेडरेशन की अध्यक्ष व टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप की निदेशक बिलकिस मीर ने बताया कि प्रतियोगिता में सेना के खिलाड़ी अजीत, आईटीबीपी की सोनिका देवी, चिन चिन सिंह, शालू सहित कई ख्याति प्राप्त खिलाड़ी टिहरी झील में प्रतिस्पर्धा करते हुए दिखेंगे।

 

 

 

 

 

 

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