S M A M योजना द्वारा कृषि यंत्रो की बुकिंग न होने से कास्तकारो में आक्रोश..
लगाय साठ-गाँठ का आरोप..
उत्तराखंड: भारत में खेती-किसानी को और भी ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए नई तकनीकों और मशीनों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा हैं। इनमें से कुछ मशीनरियां तो आसानी से किसान खरीद सकते हैं, लेकिन कुछ मशीनें किसानों की पहुंच से अभी भी बाहर हैं। वहीं, किसानों को मशीनों और तकनीक के प्रति जागरुक करने और खरीद के बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। उन्हीं योजनाओं में से एक “कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन” (SMAM) योजना भी है। वहीं इस योजना के तहत के देशभर के लाखों किसानों ने लाभ उठाया है।
वही कृषि विभाग उत्तराखंड द्वारा गरीब किसानों यंत्रों पर 80% अनुदान राशि दी जाती है दूरदराज के किसानों को समाचार पत्रों के माध्यम से विभाग द्वारा अवगत कराया जाता है किंतु कुछ चुनिंदा दलालो द्वारा सांठ गांठ कर कृषि विभाग के पोर्टल को अपने मनमाने ढंग से चलाया जाता है। एक समय पर पोर्टल खुलने के पश्चात दलालो द्वारा अपने मन मुताबिक समयानुसार चलाया जाता है जिसकी जानकारी कुछ ही चुनिंदा बिक्रेताओं को दी जाती है। कि इस क्षेत्र का पोर्टल इस समय खुलेगा। पोर्टल खुलने का समय विज्ञापन में दोपहर 12 बजे दिया जाता है। जिससे किसान अपना बहुमूल्य समय निकालकर अपने नजदीकी CHC सेन्टर पर अपने यंत्रो की बुकिंग के लिए पहुँचते है। देर साय तक पोर्टल न खुलने पर वापस लोट जाते है। दूसरे दिन पहुँचने पर पता चलता है कि पोर्टल पर निर्धारित लक्ष्य पूरा हो चुका है।
आपको बता दे कि दलालो द्वारा पोर्टल रात्रि में चलाया जाता है। ओर अपने चुनिंदा अधिकृत विक्रेताओं को खुलने की समय की जानकारी दी जाती है। जिसके एवज में उन्हे चुनिंदा विक्रेताओ द्वारा मोटी रकम दी जाती है। कृषको द्वारा उच्च अधिकारियो से बात की जाती है तो उच्च अधिकारी यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ते है कि पोर्टल दिल्ली से चलता है। अगर इन चीजों को ध्यान देखा जाये दे तो इस पूरे सिडीकेंट का भंडा फूट सकता है, और जरूरत मंद कृषको को इसका लाभ मिल सकता है, और करोड़ो रुपये की मिलने वाली अनुदान राशी पात्र किसान को मिल सकती है।