उत्तराखंड

क्या वाकई उत्तराखंड, उप्र के बीच 21 साल से लंबित पड़े संपत्ति विवाद निपटे..

क्या वाकई उत्तराखंड, उप्र के बीच 21 साल से लंबित पड़े संपत्ति विवाद निपटे..

 

 

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को सीएम योगी से मुलाकात करने के लिए उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। वहां शिष्टाचार भेंट के अलावा दोनों राज्यों के बीच संपत्ति-परिसंपत्ति को लेकर लंबित मामलों को लेकर बैठक हुई। अधिकारियों ने संबंधित मामलों पर तथ्य रखे और योगी-धामी उनका निस्तारण करते चले। मुख्यमंत्री धामी का कहना हैं कि मैं मुख्य सेवक के रूप में पिछले चार महीने से काम कर रहा हूं। सभी लोग उत्तराखंड में सरकार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। कहा कि अलकनंदा होटल उत्तराखंड को मिलेगा। उत्तराखंड को वन विभाग के 90 करोड़ भी मिलेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद भी उपस्थित रहे।

बैठक के बाद भाजपा मुख्यालय पहुंचे धामी ने पत्रकारों को बताया कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच में 21 वर्ष से जो मामले लंबित पड़े थे, उन पर सहमति बन गई है। क्या वाकई उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से लंबित पड़े मामले पर सहमति बन पाई हैं। या विधानसभा चुनावी माहौल में भाजपा सरकार का ये कोई नया खेल हैं।

 

रोडवेज कर्मियों को नागवार गुजरा फैसला..

 

आपको बता दे कि करीब 18 साल बाद उत्तर प्रदेश से परिसंपत्तियों के बंटवारे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फार्मूला रोडवेज कर्मचारी यूनियन को नागवार गुजरा है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश से रोडवेज की चार परिसंपत्ति के एवज में 205 करोड़ रुपये में समझौता कर लिया है जिसे यूनियन ने हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। यूनियन के अनुसार हाईकोर्ट में इस मामले में न सरकार और न रोडवेज पक्षकार हैं। इसमें यूनियन पक्षकार है।

 

जब तक उत्तर प्रदेश बाजार मूल्य पर समझौता नहीं करेगा, तब तक यूनियन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है। यूनियन ने हाईकोर्ट में दावा किया हुआ है कि चार परिसंपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य करीब 800 करोड़ है। वहीं, रोडवेज प्रबंधन सर्किल रेट के आधार पर यह मूल्य 250 करोड़ रुपये बताता रहा है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना हैं कि जब हाईकोर्ट और केंद्र सरकार की ओर से बाजार मूल्य पर समझौते के आदेश दिए जा चुके हैं तो राज्य सरकार कैसे 205 करोड़ में समझौता कर सकती है। चौधरी ने कहा कि वह इस मामले में हाईकोर्ट में ही लड़ाई लड़ेंगे।

यह हैं चार परिसपंत्तियां..

उत्तराखंड ने चार परिसंत्तियों पर अपनी हिस्सेदारी जताई हुई है। इसमें कानपुर में परिवहन निगम की दो केंद्रीय वर्कशॉप, लखनऊ में परिवहन मुख्यालय समेत कार सेक्शन और दिल्ली अजमेरी गेट की संपत्ति शामिल हैै। चारों परिसंपत्तियों में उत्तराखंड की हिस्सेदारी 13.34 फीसद है।

 

 

 

 

 

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