आज होंगे द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद….
रुद्रप्रयाग। भगवान द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट गुरूवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। अब आगमी शीतकाल के छह माह तक ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। कपाट बंद करने को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
विजयदशमी पर्व पर आचार्य, वेदपाठी, ब्राह्मण, हकहकूधारी एवं मंदिर समिति के कर्मचारियों की मौजूदगी में पंचाग गणना के अनुसार द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि तय की गई थी। द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 22 नवम्बर को साढे़ आठ बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान की उत्सव डोली पहले दिन रात्रि विश्राम के लिए गौंडार पहुंचेगी। 23 नवम्बर को गौंडार से प्रस्थान कर रांसी पहुंचेगी। 24 नवम्बर को रांसी से प्रस्थान कर गिरिया तथा 25 नवम्बर को गिरिया से प्रस्थान कर शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।
कपाट बंद करने को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब शीतकाल के छह माह तक ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीठ में ही नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि मदमहेश्वर के कपाट बंद करने को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। ठीक साढे़ आठ बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।