कड़ाके की ठंड में केदारनाथ को संवारने में जुटे हुए हैं वुड स्टोन कंपनी के 150 श्रमिक….
रुद्रप्रयाग : लॉकडाउन के दौरान एक ओर देशभर से लाखों प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटने को बेताब हैं, वहीं इसके उलट केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे नेपाल के साथ ही विभिन्न प्रदेशों के 150 श्रमिकों में न तो कोरोना का कोई खौफ है!
न घरों को लौटने की जल्दी है। समुद्रतल से 11657 फीट की ऊंचाई पर कड़ाके की ठंड में ये श्रमिक कोरोना योद्धा के रूप में बेखौफ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। हां! इन श्रमिकों के परिजन जरूर चिंतित रहते हैं!
श्रमिकों का कहना है कि बाहर से लोगों की आवाजाही न होने के कारण केदारपुरी में वो पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनके परिवारों की आर्थिक जरूरतें भी पूरी हो रही हैं।
विषम परिथतियो में कंपनी केदारनाथ में फरवरी आखिर से नेपाल के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और गढ़वाल (उत्तराखंड) के 150 मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं। यहां वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत शंकराचार्य की समाधि और घाट का निर्माण, सरस्वती व मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा कार्य और तीर्थ पुरोहितों के आवासों का निर्माण हो रहा है। बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना नियमित रूप से चल रही है !
अब भी रात में केदारपुरी का तापमान माइनस पांच डिग्री तक पहुंच जा रहा है। दोपहर के वक्त भी यहां आठ डिग्री के आसपास तापमान रहता है। बावजूद इसके इन श्रमिकों के चेहरों पर जरा भी शिकन नहीं दिखाई देती और न उनमें कोरोना को लेकर ही कोई खौफ है।