तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर उठ रहे सवालों पर मंत्री ने दी सफाई..
उत्तराखंड: महिला सशक्तीकरण के तहत शिक्षा, खेल, समाजसेवा, पर्यावरण, स्वरोजगार समेत विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए दिए जाने वाले तीलू रौतेली पुरस्कार इस बार विवाद में भी रहे। विपक्ष ने सरकार पर इस पुरस्कार के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इन सवालों की गूंज का असर रविवार को तीलू रौतेली एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता पुरस्कार वितरण समारोह में भी दिखा।
समारोह में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तीलू रौतेली पुरस्कार को लेकर कई तरह के विवादों का ताना-बाना बुना जा रहा है। उन्होंने साफ किया कि इस पुरस्कार के लिए चयन में कहीं किसी भी तरह का कोई पक्षपात नहीं हुआ है।
मंत्री आर्य ने सवाल उठाया कि कोरोनाकाल में जिन महिलाओं ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए जरूरतमंदों की मदद की, क्या वे पुरस्कार की हकदार नहीं हैं। विपक्ष की ओर से भाजपा से जुड़ी महिलाओं को चयनित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने सेवा ही संगठन के तहत घरों से निकलकर आमजन की सेवा की। यदि किसी ने उल्लेखनीय योगदान दिया है तो उसे सम्मान दिया जाना चाहिए।
