तीर्थनगरी हरिद्वार में ‘केदारनाथ’ फिल्म का विरोध….
हरिद्वार : केदारनाथ आपदा पर बनाई गई फिल्म के विरोध होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। तीर्थनगरी हरिद्वार में संतों से लेकर हिंदू संगठनों में इस फिल्म को लेकर उबाल है।
आज हरिद्वार में हिंदू जागरण मंच ने ‘केदारनाथ’ फिल्म का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने फिल्म के विरोध में नारेबाजी की और पुतला दहन किया। जिला अध्य्क्ष भूपेन्द्र सैनी के नेतृत्व में हिन्दू जागरण मंच द्वारा प्रदर्शन किया गया और केदारनाथ आपदा पर बनी फिल्म में अश्लीलता व लव जेहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया।
संघटन मंत्री भगवन कार्की ने कहा की जहां एक ओर केदारनाथ में आई आपदा ने उत्तराखंड को ही नहीं संपूर्ण देश को संकट में डाल दिया। वहीं ‘केदारनाथ’ फिल्म में अश्लीलता की सारी हद पार करते हुए केदारनाथ में साल 2000 से मुसलमानों का होना, उसके साथ वहां की छात्रा के साथ लव जेहाद के रूप में प्रेम प्रसंग, केदारनाथ में नमाज पढ़ना आदि विषयों से आहत हिंदू जागरण मंच ने हाईकोर्ट की ओर रुख किया है।
हिंदू जागरण मंच ने हाईकोर्ट की ओर रुख किया
साथ ही कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा उसके बाद भी जबरदस्ती फिल्म रिलीज की गई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हमारी भावनाओं का अनादर करने का अधिकार किसी को नहीं है। सरकारों को इस बात पर जरूर सोचना चाहिए।
पुतला दहन कार्यक्रम में युवा वाहिनी प्रदेश महामंत्री हीरा सिंह बिष्ट, विभाग अध्य्क्ष उत्कर्ष वालिया, स्वतंत्र सैनी, रजत दिवाकर, राहुल, नरेंद्र गुप्ता, अवनीश कुमार, विनोद उपाध्याय, जॉनी गुज्जर, अजय चौहान, मयंक, उदय राठी, सौरभ गुप्ता, जतिन, पुनीत, कमल, शशिपाल, अनूप पाल, यशपाल, पंकज जोशी आदि मौजूद रहे।
फिल्म केदारनाथ का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंचा
विवादों से घिरी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को ताक पर रखकर बनी फिल्म केदारनाथ की रिलीज पर उठे विवाद के बीच उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि भगवान केदारनाथ का अपमान करते हुए विदेशी रुपयों के दम पर फिल्म का निर्माण किया गया है। याचिकाकर्ता स्वामी दर्शन भारती ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर प्रार्थना की है कि फिल्म केदारनाथ में पहाड़ समेत हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ भद्दा मजाक किया गया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि केदारनाथ में सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं जबकि वहां एक भी मुस्लिम या इस्लामिक परिवार नहीं रहता है। फिल्म निर्माता ने केदारनाथ की आपदा को लव जिहाद से जोड़कर आस्था और विश्वास पर कुठाराघात किया है।