कई बार शासन-प्रशासन से कर चुके हैं पत्राचार..
रुद्रप्रयाग: बच्छणस्यूं क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय मुस्यागांव कभी भी भरभराकर ढह सकता है। कई बार सम्बंधित विभाग से पत्राचार के बावजूद विद्यालय की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया। प्राथमिक विद्यालय मुस्यागांव में करीब 30 बच्चे पढ़ते हैं। पिछले कई वर्षों से विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। आज तक शासन-प्रशासन ने इस विद्यालय की सुध तक नहीं ली। स्थिति यह है कि बारिश के समय स्कूल की छत टपकने लगती है। कमरों की दीवारें टूटने लगी है। उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि जर्जर हो चुके विद्यालयों के जीर्णोद्धार पर सरकार का ध्यान नहीं है। इन विद्यालयों में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय मुस्यागांव कभी भी ढह सकता है। इसको लेकर कई बार शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग को भी अवगत कराया गया।
लेकिन किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। सामाजिक कार्यकर्ता बलवीर कठैत और विक्रम नेगी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षा के लिए मूलभूत सुविधाओं की स्थिति अत्यंत खराब है। यहां पर कक्षा के कमरे, शौचालय, फर्नीचर, ब्लैक बोर्ड, खेल के मैदान एवं पीने की पानी की सुविधाएं नहीं हैं और अगर हैं भी तो बहुत खराब स्थिति में हैं। उन्होंने सरकार से प्राथमिक विद्यालय मुस्यागांव को चुस्त-दुरुस्त करने की मांग की है।