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जानिए क्या होता है चिलगोजा और हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों है ये फायदेमंद..

जानिए क्या होता है चिलगोजा और हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों है ये फायदेमंद..

 

 

 

देश-विदेश: चिलगोजा शब्द सुनने में बहुत मजेदार लगता है। बोलचाल की भाषा में कई बार इसका प्रयोग किसी को चिढ़ाने या उसका मजाक उड़ाने के लिए किया जाता है। चिलगोजा एक किस्म का बीज है जो बादाम, पिस्ते और अखरोट की तरह ही ड्राईफ्रूट में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक चिलगोजा एक कमाल की औषधि भी है। आप में से अधिकतर लोग चिलगोजे (पाइन नट्स) से वाकिफ होंगे, यह चीड के पेड़ पर उगने वाले फल का बीज होता है ,जब यह फल बड़ा हो जाता है तो धुप निकलने पर पूरी तरह से खिल जाता है और इसके बीज निकलते है l हिमाचल के लगभग हर जिले में चीड के पेड़ होते है ,अंग्रेजी में चिलगोजा को पाइन नट्स कहा जाता है। कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी आदि जिलो में चिलगोजा को चिल्गिटी भी कहते है

इसका सेवन बहुत समय पहले से किया जा रहा है। रोमन सैनिक इसे खाया करते थे। ग्रीक लेखकों द्वारा इसे 300 ईसा पूर्व वर्णित किया गया है|चिलगोजा चीड़ फल का बीज होता है, जिसका रंग लाल भूरा होता है। भारत में इसका प्रयोग एक मेवे के तरह किया जाता है। हजारों सालों से अमेरिकयों द्वारा इसे एक खाद्य स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। यह बहुत ही शक्तिवर्धक है, इसलिए इसकी तुलना बादाम से की जाती है। औषधियों गुणों से भरपूर चिलगोजा ना केवल अच्छे स्वास्थ्य बल्कि सौन्दर्य में भी मदद करता है।

किन्नौर जिला से करीब पंद्रह सौ क्विंटल चिलगोजे हर साल बेचे जाते है। चिलगोजा 500-900 रुपए प्रति किलो के हिसाब से स्थानीय मंडियों में उपलब्ध होता है समय के साथ चिलगोजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने से यह ड्राई फ्रूट जिला के लोगों के लिए आर्थिकी का बड़ा जरिया बन रहा है। चिलगोजे की फसल पंद्रह माह में तैयार होती है और इसकी विशेषता यह है कि अलगे साल कितनी फसल चिलगोजे के पेड़ पर तैयार होगी, इस बात का पता पहली फसल के तोड़ने से पहले ही टहानियों में तैयार हो रहे कोण से पता चलता है। कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन युक्त चिलगोजा भारत में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और चंबा में भी पाया जाता है।

आइये जानते हैं चिलगोजे के फायदे..

वनस्पति शास्त्र का इतिहास लिखने वालों का मानना है कि चिलगोजे को भोजन में शामिल करने का इतिहास पाषाण काल जितना पुराना है। इन्हें मांस, मछली और सब्जी में डालकर पकाया जाता है तथा ब्रेड में बेक किया जाता है। इटली में इसे पिग्नोली कहते हैं और इसे इटालियन पेस्टो सॉस की प्रमुख सामग्री माना गया है। जबकि अमेरिका में इसे पिनोली नाम से जाना जाता है और पिनोली कुकीज़ में इसका ही प्रयोग किया जाता है। अँग्रेजी में इसे आमतौर पर पाइन नट कहा जाता है। स्पेन में भी बादाम और चीनी से बनी एक मिठाई के ऊपर इसे चिपकाकर बेक किया जाता है। यह मिठाई स्पेन में हर जगह मिलती है। हिंदी में इसे चिलगोजे के लड्डू कह सकते हैं। कुछ स्थानों पर इसका प्रयोग सलाद के लिये किया जाता है।

चिलगोजे के फायदे..

ह्रदय के लिए अच्छा

चिलगोजे में ओइलिक एसिड असंतृप्त वसा अम्ल मौजूद होता है। इससे रक्त में अच्छा कोलेस्ट्रॅाल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॅाल का स्तर कम होता है। चिलगोजे का सेवन करके कोरोनरी धमनी संबंधी बीमारियों जैसे स्ट्रोक, दिल का दौरा ओर कोनोनरी धमनियों का सख्त हो जाना जैसी चीज़ो से बचाव होता है।

कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत
चिलगोजे में कैल्शियम हड्डियों को मजबूत, दांतों को स्वस्थ्य, हृदय और तंत्रिका तंत्र, एवं मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ाता है।

आपकी भूख बढ़ाता

चिलगोजा भूख बढ़ाता है इसका स्पर्श नरम लेकिन मिजाज गरम है। इसमें पचास प्रतिशत तेल रहता है। इसलिये ठंडे इलाकों में यह अधिक उपयोगी माना जाता है। सर्दियों में इसका सेवन हर जगह लाभदायक है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है, इसको खाने से बलगम की शिकायत दूर होती है। मुँह में तरावट लाने तथा गले को खुश्की से बचाने में भी यह उपयोगी है।

आँखों के स्वास्थ्य को सुधारे

पाइन नट्स में बीटा – कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। यह आँखों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। पाइन नट्स में मौजूद लूटीइन आँखों को युवी किरणों से बचाता है साथ ही डैमेज होने से भी रोकता है। यदि आप अपने बच्चे को भी इसे खाने के लिए देते है तो इससे उनकी आँखों की रौशनी तेज होती है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
पाइन नट्स में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट होते है। इसके साथ ही इसमें विटामिन ऐ, बी, सी, डी और इ भी शामिल है। एंटीऑक्सीडेंट, आपको नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स का खात्मा करते है। जो लोग जंवा दिखना चाहते है, उन्हें पाइन नट्स खाने से बहुत फायदा मिलता है। यह आपके बच्चे को इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने में भी मदद करते है।

 

 

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