उत्तराखंड

उत्तराखंड के एक लाख पेंशनरों को मिलेगा कैशलेस इलाज..

उत्तराखंड के एक लाख पेंशनरों को मिलेगा कैशलेस इलाज..

आज से फिर शुरू होगी सुविधा..

4.75 कर्मचारी-पेंशनरों के बन चुके गोल्डन कार्ड..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

आयुष्मान योजना की राज्य स्वास्थ्य योजना के माध्यम से उत्तराखंड के एक लाख सेवानिवृत्त और उनके परिवार एक बार फिर से कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी । वे 1 अक्टूबर से अपना गोल्डन कार्ड स्वीकार करने वाले किसी भी अस्पताल में बिना किसी अतिरिक्त लागत के उपचार प्राप्त कर सकेंगे।

 

 

उत्तराखंड: आयुष्मान योजना की राज्य स्वास्थ्य योजना के माध्यम से उत्तराखंड के एक लाख सेवानिवृत्त और उनके परिवार एक बार फिर से कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी । वे 1 अक्टूबर से अपना गोल्डन कार्ड स्वीकार करने वाले किसी भी अस्पताल में बिना किसी अतिरिक्त लागत के उपचार प्राप्त कर सकेंगे। अक्टूबर में मिलने वाली पेंशन में पिछले नौ महीने के अंशदान की कटौती की जाएगी। राज्य ने 16800 पेंशनरों ने आयुष्मान योजना से बाहर होने का विकल्प दिया है।

 

योजना में कैशलेस इलाज के लिए पेंशन से अंशदान की कटौती करने पर कुछ पेंशनरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि जो पेंशनर योजना का लाभ नहीं लेना चाहते हैं, उनके मौका दिया जाए। इस पर सरकार ने दिसंबर 2021 से पेंशनरों से अंशदान की कटौती बंद कर दी है। साथ ही दो बार पेंशनरों से योजना का लाभ लेने या न लेने का विकल्प मांगा था। विकल्प न देने वाले पेंशनर स्वत: ही योजना में शामिल माने गए। वहीं, 25 सितंबर 2022 तक प्रदेश के 16800 पेंशनरों ने योजना से बाहर होने का विकल्प दिया है।

योजना के कैशलेस इलाज के लिए पेंशन से अंशदान की कटौती के संबंध में कुछ पेंशनभोगियों द्वारा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया था कि यदि वे वरिष्ठों को कार्यक्रम का लाभ नहीं लेना चाहते हैं तो उन्हें एक मौका दिया जाए। इस पर सरकार ने दिसंबर 2021 से पेंशनरों से अंशदान की कटौती बंद कर दी है। साथ ही दो बार पेंशनरों से योजना का लाभ लेने या न लेने का विकल्प मांगा था। विकल्प न देने वाले पेंशनर स्वत: ही योजना में शामिल माने गए। वहीं, 25 सितंबर 2022 तक प्रदेश के 16800 पेंशनरों ने योजना से बाहर होने का विकल्प दिया है।

 

योजना से बाहर होने वालों के लिए अब पूर्व की व्यवस्था..

आयुष्मान योजना से बाहर होने वाले प्रदेश के 16800 पेंशनरों के लिए अब पूर्व की व्यवस्था लागू होगी। इन्हें चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाएगी। जिसके तहत इलाज के बिल संबंधित विभाग को देने होंगे, जिसके बाद विभाग पास कर शासन को भेजेगा और फिर चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाएगी। कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने के साथ ही सरकार की ओर से पेंशनरों को अक्तूबर में मिलने वाली पेंशन से जनवरी 2022 से सितंबर तक के अंशदान की कटौती की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने दिसंबर 2021 में पेंशनरों से अंशदान की कटौती बंद कर दी थी।

आपको बता दे कि आयुष्मान योजना में राज्य स्वास्थ्य स्कीम के तहत प्रदेश के 4.75 लाख कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। जिन पेंशनरों के अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए हैं। उनके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से फिर से कार्ड बनाने का अभियान शुरू किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

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