भारी बारिश में वैकल्पिक मार्गो से निकल रहे लोग..
केदारनाथ हाईवे के गौरीकुण्ड, सीतापुर में भी हाईवे बंद..
खतरे के निशान से ऊपर बह रही मंदाकिनी व अलकंनदा नदियां..
जिला प्रशासन ने नदियों किनारे बसे लोगों को किया सतर्क..
नमामि गंगे योजना के तहत बने सभी घाट जलमग्न..
रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच एक नया संवदेशनशील स्थान तैयार हो गया है। नरकोटा और सम्राट होटल के बीच बने इस खतरनाक स्थान पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे शुक्रवार को भी यहां हाईवे बाधित रहा। एनएच की मशीनें यहां हाईवे खोलने को मुस्तैद हैं, मगर लगातार पत्थर गिरने के चलते काम प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले में दो दिनों से हो रह मूसलाधार बारिश से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मन्दाकिनी और अलनकंदा नदियों सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान में आने के कारण आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के बेलणी में शिव की मूर्ति भी नदी में जल मग्न हो चुकी है, जबकि नमामि गंगे के तहत बने सभी घाट पानी में डूब गये हैं। केदारघाटी क्षेत्र में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से आपदा प्रभावितों को भय सता रहा है कि आने वाले समय में यदि बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो कहीं प्रकृति फिर से रौद्र रूप धारण न कर ले। निरन्तर मूसलाधार बारिश जारी रहने से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है, जबकि निचले क्षेत्रों में लोगों की गर्मी से निजात मिली है। बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर नरकोटा और सम्राट होटल के बीच में पहाड़ी से पत्थर एवं मलबा गिरने का सिलसिला जारी है।
बारिश होने पर यहां स्थिति और भी खतरनाक हो गयी है। लोनिवि एनएच श्रीनगर द्वारा लगातार यहां मशीनें तैनात की गई हैं, मगर बोल्डर गिरने के कारण जेसीबी काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में वाहनों को तिलवाड़ा-घनसाली टिहरी होते हुए आवाजाही करने को कहा गया है। वहीं केदारनाथ हाईवे भी गौरीकुंड, सीतापुर जीएमवीएन के पास पत्थर आने के चलते अवरुद्ध चल रहा है, जबकि अन्य जगहों पर भी मार्ग बंद हो रहा है। इधर, दूसरी ओर जिले में दो दिनों से मूसलाधार बारिश जारी रहने से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और अलकनंदान व मंदाकिनी सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान में आने के कारण नदियों के किनारे बसें ग्रामीणों सहित आपदा प्रभावितों की रातों की नींद हराम हो चुकी है।
आपदा प्रभावितों को भय सता रहा है कि आने वाले समय में यदि बादलों के बरसने का सिलसिला जारी रहा तो प्रकृति रौद्र रूप धारण कर सकती है। केदारघाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में गिरावट महसूस होने से भेड़ पालकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसे में आस-पास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी हैै।
बताया कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे के भूस्खलन वाले स्थानों पर पोकलैंड मशीन तैनात की गयी हैं, जिससे राजमार्ग बंद होने पर खोलने की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा और खांखरा के पास राजमार्ग काफी संवेदनशील हो चुका है। यहां पर दोनों जगहों पर मशीनों को तैयात किया गया है। इसके अलावा केदारनाथ हाईवे के भी जगह-जगह मशीने तैनात की गयी हैं। ग्रामीण इलाकों में आपदा प्रबंधन के 26 लोग नजर बनाए हुए हैं, जो कोई भी घटना घटने पर शीघ्र सूचना संबंधित विभागों को पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण लिंक मार्गो पर जेसीबी मशीने तैनात हैं और मार्ग बंद होने पर खोलने में जुटे हुए हैं।
