काले कपड़ों में आए आतंकियों ने चाकू से किए अंधाधुंध हमला, 31 लोगों की हुई मौत, 143 घायल..
देश-विदेश : आतंकी अकसर ऐसी जगहों को निशाना बनाते हैं, जहां ज्यादा से ज्यादा लोग मौजूद रहते हैं. ऐसा ही एक मामला चीन के कुनमिंग रेलवे स्टेशन से भी सामने आया था. जिसमें आतंकियों ने चाकुओं से लोगों पर हमला कर दिया था. इन्होंने उन यात्रियों पर हमला किया जिनकी कोई गलती नहीं थी, जो महज रेलवे स्टेशन पर यात्रा करने के उद्देश्य से आए थे. हमलावरों (terrorists) में पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल थे. इन्होंने बड़ी धार वाले चाकू लिए हुए थे और निर्दोष लोगों पर उससे हमला किए जा रहे थे. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और हमलावरों को रोकने के दौरान इनमें से चार की गोली लगने से मौत हो गई.
ये घटना आज ही के दिन यानी 1 मार्च को साल 2014 में हुई थी. चीन के स्थानीय समयानुसार, घटना रात के करीब 9 बजे हुई थी. इनमें से एक हमलावर महिला घायल हो गई थी, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया था. इस घटना में 31 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 140 से अधिक घायल हुए थे. फिर 3 मार्च को पुलिस ने घोषणा करते हुए कहा था कि बाकी के तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद छह पुरुषों और दो महिलाओं का ये समूह अब बेअसर कर दिया गया है. जब हमला हुआ था, तो उसकी जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली थी और ना ही किसी संगठन से उसके तार जुड़े पाए गए थे.
लिंक जुड़ा था शिंजियांग से..
ये ग्रुप एक सिंगुलर टेरर सेल भी कहा जा रहा था. चीन की स्थानीय न्यूज एजेंसी और कुनमिंग सरकार ने बताया था कि इस हमले का लिंक शिंजियांग अलगाववादियों से जुड़ा है. पुलिस ने बताया था कि उन्होंने काला और हाथ से बना पूर्वी तुर्किस्तान का झंडा भी जब्त किया था. जो झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के साथ जुड़ा हुआ है, जिसके लिए ये अलगाववादी स्वतंत्रता चाहते हैं. हमलवार रेलवे स्टेशन पर काले रंग के कपड़ों में आए थे, ये पहले वहां के परिसर में रहे और फिर टिकट लॉबी तक भी गए थे. जिसके बाद इन्होंने अंधाधुंध तरीके से लोगों को मारना शुरू कर दिया.
दस हमलावरों ने किया हमला..
शुरुआती रिपोर्ट्स में पता चला था कि हमलावरों की संख्या 10 है, जिनके पास चाकू थे. कुल 143 घायल लोगों में सात पुलिसकर्मी भी शामिल थे. वहीं मृतकों में स्टेशन के दो सुरक्षाकर्मी शामिल थे. घायलों को इलाज के लिए कुनमिंग के ही 11 अस्पतालों में ले जाया गया था. पुलिस ने शुरुआत में हमलावरों को रोकने के लिए टीयर गैस का इस्तेमाल किया था लेकिन वो फिर भी नहीं रुके. जिसके बाद पुलिस ने चार संदिग्धों को गोली मारी जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया. घायल महिला हमलवार को हिरसात में लेने के बाद अस्पताल ले जाया गया था.
वार कर रहे थे घायलों पर भी..
इन हमलावरों को देखने वाले एक शख्स ने बताया था कि ये लोग बिना सोचे समझे लोगों पर हमला किए जा रहे थे. ना उनकी उम्र देख रहे थे. यहां तक कि जो लोग घायल होकर जमीन पर गिर गए थे, उनपर भी ये तब तक हमला किए जा रहे थे, जब तक उनकी मौत नहीं हो गई. उन्होंने एक ऐसे पुलिसकर्मी को भी देखा था जिसने अपनी गोद में एक पांच साल के बच्चे को पकड़ा हुआ था. लेकिन उसकी टांगों पर भी वार किया गया था, जहां से खून बह रहा था. तब सरकार की ओर से कहा गया था कि हमले का पता चलते ही दस मिनट के भीतर SWAT टीम को भेजा गया था.
उइगरों की बस्तियों में जांच..
हमले के बाद उइगर मुस्लिमों की बस्तियों में जांच की गई. कई लोगों से बातचीत भी की गई और इनसे जुड़े समूह को इस हमले का दोषी भी पाया जा रहा था. इस दौरान मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक सिक्योरिटी ने कहा था कि ये आठ लोगों का एक आतंकी समूह था. जिनके नेता का नाम अब्दुरहीम कुरबान था, वहीं वॉइस ऑफ अमेरिका ने कहा था कि उनके पास आधिकारिक सूत्रों और सबूतों से ऐसी कम ही जानकारी मिली है कि हमलावर उइगर थे.