उत्तराखंड

मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद, ऊखीमठ में होगा मेले का आयोजन

रुद्रप्रयाग। पंच केदारों में द्वितीय केदार के रुप में प्रसिद्व भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट आज सुबह साढे आठ बजे पौराणिक परंपराओं के बाद बन्द हो गये हैं। शीतकाल में अलगे छह माह बाबा अब ऊखीमठ में आम श्रद्वालुओं को दर्शन देंगे। कपाट बन्द होने से पूर्व भगवान को समाधि रुप दिया गया और भगवान की चल विग्रह मूर्ति को गर्भ गृह से निकाल कर डोली में स्थापित किया गया।

डोली ने पहले तो अपने ताम्र भण्डार का निरीक्षण किया और फिर भण्डारियों को मुख्य कपाट बन्द करने के निर्देश दिये। कपाट बन्दी के दौरान केन्द्रीय पेयजल मंत्री उमा भारती भी धाम में ही मौजूद रही और डोली के साथ प्रथम पडाव गौण्डार तक आयी। डोली आज गौण्डार में रात्रि विश्राम करेगी। 23 नवम्बर को रांशीए 24 नवम्बर को गिरिया गांव में रात्रि विश्राम कर 25 नवम्बर को पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। जहां भव्य मेले का आयोजन भी होगा। इस दिन जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय अवकाश धोषित रहता है। मान्यता है कि मदमहेश्वर में भगवान शिव का नाभि भाग है और यहां मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाजत किसी को भी नहीं है सिर्फ प्रधान पुजारी व पंच गौण्डारी ही शिव लिंग को स्पर्श कर सकते हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top