उत्तराखंड

24 मई को विधि-विधान से खोले जायेंगे मदमहेश्वर के कपाट..

ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू..

चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह से सभा मंडप पर लाया गया..

मदमहेश्वर भगवान को किया गया नये अनाज का भोग अर्पित..

रुद्रप्रयाग:  भगवान मदमहेश्वर में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होती है। गुरुवार को ओंकारेश्वर मन्दिर के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग व मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा भगवान ओंकारेश्वर सहित पंचनामा देवी-देवताओं की पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया गया तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों को परम्परानुसार सभा मंडप पर लाया गया तथा ब्राह्मणों, वेद पाठियों द्वारा पुनः भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियों की विशेष पूजा की गयी और डंगवाडी, बाह्मणखोली व पंजपाणी की सीमित महिलाओं ने भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया।

 

आज भगवान मदमहेश्वर की मूर्तियां सभा मंडप में ही विराजमान रहेंगी तथा शनिवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार किया जायेगा और डोली अपने धाम को रवाना होगी। मिली जानकारी के अनुसार भगवान मदमहेश्वर की डोली इस बार भी ओंकारेश्वर मंदिर से मंगोलचारी तक परम्परा के अनुसार पैदल पथ से जायेगी तथा वहां से रथ से राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी। 23 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से प्रस्थान कर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी।

 

24 मई को गौंडार गांव से प्रस्थान कर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा कूनचटटी होते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी तथा मदमहेश्वर धाम के कपाट परम्परा के अनुसार विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे। देवस्थानम् बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि इस बार प्रशासन द्वारा देवस्थानम् बोर्ड के आठ अधिकारी-कर्मचारियों तथा 12 हक हकूकधारियों को धाम जाने की अनुमति दी गयी है। इस मौके पर कार्यालय अधीक्षक राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्वाण, मदन सिंह पंवार, विश्व मोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, बीर सिंह पंवार, दिलवर सिंह पंवार, महावीर सिंह पंवार, ताजवर सिंह पंवार, विजय सिंह पंवार, संग्राम सिंह पंवार मौजूद थे।

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