नौ साल बाद अपने मंदिर में विराजमान होंगी मां धारी देवी..
केदारनाथ आपदा के बाद किया था अपलिफ्ट..
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब धारी देवी की मूर्ति नवनिर्मित मंदिर में स्थापित की जाएगी। मंदिर के पुजारी न्यास की ओर से 28 जनवरी स्थानांतरण तिथि निर्धारित की गई है।
उत्तराखंड: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब धारी देवी की मूर्ति नवनिर्मित मंदिर में स्थापित की जाएगी। मंदिर के पुजारी न्यास की ओर से 28 जनवरी स्थानांतरण तिथि निर्धारित की गई है। पुजारी न्यास की ओर से कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ. धन सिंह रावत को भी सोमवार को होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए कहा गया है। सिद्धपीठ धारी देवी का मंदिर श्रीनगर से लगभग 13 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित था।
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के निर्माण के बाद यह डूब क्षेत्र में आ रहा था। इसके लिए इसी स्थान पर परियोजना संचालन कर रही कंपनी की ओर से पिलर खड़े कर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन जून 2013 में, केदारनाथ में बाढ़ के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से मूर्तियों को उठाना पड़ा। पिछले नौ सालों से इस अस्थायी स्थान पर मूर्तियां विराजमान हैं।
लगभग चार साल पूर्व कंपनी की ओर से इसी के समीप नदी तल से करीब 30 मीटर ऊपर पिलर पर पर्वतीय शैली में आकर्षक मंदिर का निर्माण करा दिया गया, लेकिन कंपनी और आद्य शक्ति मां धारी पुजारी न्यास में सहमति न बन पाने की वजह से बार-बार प्रतिमाओं की शिफि्टंग की तिथि आगे खिसकती रही।
पुजारी न्यास के सचिव जगदंबा प्रसाद पांडे का कहना हैं कि धारी देवी, भैरवनाथ और नंदी की मूर्तियों को अस्थायी स्थान से 28 जनवरी की सुबह शुभ मुहूर्त में मंदिर परिसर में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस दिन सुबह 9.30 बजे के बाद मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा।