प्रधानाचार्य भर्ती में एलटी शिक्षकों को मिलेगा मौका, सरकार लाएगी नया प्रस्ताव..
उत्तराखंड: शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं के साथ-साथ अब सहायक अध्यापक (एलटी) भी विभागीय सीधी भर्ती से इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य बन सकेंगे। कोर्ट में लंबित भर्ती मामले को सुलझाने के लिए सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव लाकर प्रधानाचार्य पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरा जाएगा। प्रदेश के इंटर कॉलेजों में 79% प्रधानाचार्य पद रिक्त हैं, जिससे शैक्षिक व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। यह कदम शिक्षकों के प्रमोशन के रास्ते खोलने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
आपको बता दे कि प्रदेश के सरकारी इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य पदों को अब तक विभागीय पदोन्नति से भरा जाता रहा था, लेकिन पदोन्नति में देरी और अन्य अड़चनों के कारण 1385 में से 1101 पद रिक्त हैं। इसी तरह राजकीय हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 910 पदों में से मात्र 122 पदों पर नियुक्ति हुई है, जबकि 788 पद लंबे समय से खाली हैं। शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार अब कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर प्रधानाचार्य के पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरने की योजना बना रही है। इससे रिक्त पदों को तेजी से भरा जा सकेगा और विद्यालयों की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
सरकार ने पहले प्रधानाचार्य के 692 पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया था और इसके लिए आदेश भी जारी किया था। इस भर्ती प्रक्रिया में 50 वर्ष तक के प्रवक्ताओं को पात्र माना गया था, लेकिन सहायक अध्यापक (एलटी) शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया, जिससे वे नाराज हो गए, और इसके विरोध में शिक्षकों ने आंदोलन किया, जिसके बाद राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली भर्ती स्थगित कर दी गई। वहीं कुछ सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ कोर्ट चले गए थे। जिसके बाद अब सरकार कैबिनेट में नया प्रस्ताव लाने जा रही है, जिसमें एलटी शिक्षकों को भी प्रधानाचार्य पद के लिए मौका दिया जा सकता है।
शिक्षक इससे हैं नाराज..
शिक्षकों के बीच प्रधानाचार्य पदों को भरने को लेकर मतभेद बना हुआ है। कुछ शिक्षकों का कहना है कि ये पद पदोन्नति के हैं और सभी रिक्त पदों को प्रमोशन के जरिए भरा जाना चाहिए। वहीं कुछ शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सहायक अध्यापक (एलटी) शिक्षकों को भी शामिल करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने अब विभागीय सीधी भर्ती से प्रधानाचार्य पदों को भरने का फैसला लिया है और इस प्रक्रिया में एलटी शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। भर्ती के लिए कम से कम 10 या 15 साल की सेवा को अनिवार्य किया जा सकता है, जिससे अनुभवी शिक्षकों को प्रधानाचार्य बनने का अवसर मिल सके और स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
