उत्तराखंड

भूस्खलन से बच्छणस्यूं के पाटा गांव को खतरा..

खतरे की जद में गौशाला और आवासीय मकान..

कभी भी ढह सकता है बिजली का ट्रांसफार्मर..

 

 

रुद्रप्रयाग:  बच्छणस्यूं क्षेत्र की ग्राम पंचायत पाटा में भूस्खलन के चलते गौशालाओं को खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही आवासीय बस्ती को भी खतरा बना हुआ है। यहां पर जल्द सुरक्षात्मक उपाय नहीं हुए तो स्थानीय लोगों और मवेशियों को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने पाटा गांव में हो रहे भूस्खलन से जिलाधिकारी और नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी)  के अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि स्यूणी-टैठी-पाटा मोटरमार्ग के निर्माण के चलते भूस्खलन की समस्या उत्पन्न हुई है। पिछले वर्ष से यहां भूस्खलन हो रहा है। लेकिन अभी तक किसी तरह का ट्रीटमेंट नहीँ हुआ है।

 

उन्होंने कहा कि भूस्खलन से ग्रामीणों की गौशालाएं खतरे की जद में आ गई हैं। आवासीय बस्ती भी खतरे में है। बिजली के पोल और ट्रांफार्मर कभी भी नीचे गिर सकते हैं। मोहित डिमरी ने कहा कि इस वर्ष हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन तेजी से हो रहा है। इसके बावजूद सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं किया जा रहा है। वहीं ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, प्रधान प्रतिनिधि हरीश कुमार का कहना है कि कई बार सम्बंधित विभाग से शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों को अपने मवेशियों की चिंता है। पशुओं से ही उनकी आजीविका चल रही है। तेजी से हो रहे भूस्खलन के कारण ग्रामीणों के सामने समस्या यह है कि पशुओं को लेकर जाएं तो जाएं कहाँ।

 

 

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