बिग ब्रेकिंग- केदारनाथ रोपवे को मिली मंजूरी..
आठ घंटे की पैदल दूरी रोपवे से 30 मिनट में होगी पूरी..
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के बनने से धाम तक की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
उत्तराखंड: राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के बनने से धाम तक की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी। बोर्ड बैठक में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी में लगभग साढ़े पांच किलोमीटर पैदल मार्ग के नव निर्माण की भी अनुमति मिली है।
प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु का कहना हैं कि हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए बोर्ड की मंजूरी की जरूरत नहीं है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पहले ही अपनी मंजूरी दे चुका है। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें दोबारा स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई। प्रमुख सचिव ने बताया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक के दौरान सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे के निर्माण को मंजूरी दी गई। गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब के बीच रोपवे के निर्माण के लिए किसी एनवायरमेंट परमिट की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, अनुमोदन के लिए राज्य वन विभाग से संपर्क किया जाना चाहिए। 12 किलोमीटर लंबे इस रोपवे का निर्माण उसके बाद ही शुरू हो सकेगा। प्रमुख वन सचिव के अनुसार केदारनाथ में पुराने पैदल मार्ग की मरम्मत से 983 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है। बोर्ड की बैठक में वन भूमि के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी गई है। केदारनाथ धाम रोपवे निर्माण पर 1200 करोड़ रुपये और हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट निर्माण पर 850 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दोनों रोपवे के लिए डीपीआर राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड, NHAI इकाई द्वारा तैयार किया गया है। समुद्र तल से 11,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सोनप्रयाग और केदारनाथ धाम के बीच की दूरी लगभग 18 से 20 किलोमीटर है। यात्री इसे लगभग आठ घंटे में कवर कर लेते हैं। रोपवे बनने के बाद 30 मिनट में यह दूरी तय की जा सकती है। यह क्षेत्र केदारनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के तहत आता है।
