केदारनाथ उपचुनाव को लेकर सियासी पारा हो गया हाई, पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की घोषणा भले ही अभी ना हुई हो लेकिन सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही केदारनाथ उपचुनाव के लिए कमर कस ली है। बीजेपी ने जहां 5 कैबिनेट मंत्रियों समेत कई नेताओं की फौज चुनावी लिहाज से मैदान में उतारी है। तो वहीं कांग्रेस ने केदारनाथ बचाओ यात्रा के बाद अब केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं। जिस पर वो कोर्ट जाने की बात कह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों पर कांग्रेस ने एतराज जताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना हैं कि पार्टी इस मुद्दे पर विधिक राय के साथ भू- वैज्ञानिकों से चर्चा करने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
बद्री-केदार धाम में पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर कांग्रेस जाएगी कोर्ट..
करन माहरा का कहना है कि केदारनाथ में खुले आम बहुमंजिला भवन धड़ल्ले से बनाया जा रहे हैं। जो कि बड़ी आपदा को खुला निमंत्रण है। माहरा ने आगे कहा कि एक तरफ केदार घाटी भूस्खलन के कारण नीचे से खोखली हो रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से बड़ी-बड़ी मशीनों को ले जाकर केदारनाथ धाम में बड़े निर्माण किया जा रहे हैं। इससे आने वाले समय में वहां बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके लिए वो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
माहरा के बयान पर बीजेपी ने किया पलटवार..
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिंदू विरोधी रही है। जब भी हिंदू प्रतिष्ठानों में जीर्णोधार व उत्थान का कार्य हुआ तब-तब कांग्रेस को दर्द हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा था तब पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने इसका विरोध किया था। वो तो तात्कालिक राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को वहां जाने से रोका था। महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत जो भी कार्य हो रहे हैं उनका पूरी तरह से तकनीकी परीक्षण के साथ ही भूगर्वीय परीक्षण कर संपादित किया जा रहा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि बद्री-केदार में सुविधा बढ़े। बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने कहा कि केदार घाटी में कांग्रेस की प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा पूरी तरह से फ्लॉप रही है। उससे उभरने के लिए अब कांग्रेस ने नया मुद्दा ढूंढा है। चूंकि निकट भविष्य में केदारनाथ विधानसभा में उपचुनाव होने हैं। इसके जरिए कांग्रेस कोई जमीन को तलाश रही है।