उत्तराखंड

सीएम धामी ने जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा..

सीएम धामी ने जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्रों का लिया जायजा..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

चमोली जिले के जोशीमठ के आस्तित्व को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। यहां एक और जहां जमीन धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। तो वहीं सीएम धामी जोशीमठ पहुंचे है। उन्होंने यहां प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: चमोली जिले के जोशीमठ के आस्तित्व को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। यहां एक और जहां जमीन धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। तो वहीं सीएम धामी जोशीमठ पहुंचे है। उन्होंने यहां प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। अपने दौरे के दौरान सीएम धामी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने कहा की सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।

आपको बता दे कि सीएम धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वही सीएम आज जोशीमठ ग्राउंड जीरो हालात का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां प्रभावितों से बातचीत की। कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है। इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं। बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं।

वहीं जोशीमठ में भू-धंसाव की चपेट में ज्योतिर्मठ परिसर के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। परिसर के भवनों, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। बताया जा रहा है कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है। शहर के बेतरह धंसने और दर्जनों घरों और इमारतों की दीवारों, दरवाजों, फर्श, सड़कों पर आईं दरारों का कारण पता लगाने में पहले दिन टीम को नाकामी हासिल हुई।

 

रिपोर्टस की माने तो 6 जनवरी तक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें 44 परिवारों को फिलहाल सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। बता दे कि ISRO और ONGC की टीमें जोशीमठ का सर्व करेंगी।जोशिमठ में कम से कम 9 वार्डों में दरारें और भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। बता दें कि जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए 1271 लोगों की क्षमता वाले 229 कमरों की पहचान की है।

 

 

 

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