उत्तराखंड

जोशीमठ को भू धंसाव से खतरा, सीएम ने मांगी रिपोर्ट..

जोशीमठ को भू धंसाव से खतरा, सीएम ने मांगी रिपोर्ट..

 

 

 

 

 

 

चमोली जिले के जोशीमठ में हुए भूस्खलन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही भूस्खलन प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं

 

 

उत्तराखंड: चमोली जिले के जोशीमठ में हुए भूस्खलन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही भूस्खलन प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जोशीमठ में भूस्खलन की जानकारी देने के लिए रविवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। बताया कि जोशीमठ में लगातार हो रहा भू-धंसाव चिंता का विषय है।

जोशीमठ शहर में मिट्टी धंसने से लोगों के घरों में दरारें आ रही हैं। उन्होंने सीएम से प्रभावित लोगों और कारोबारियों को हो रहे नुकसान की जानकारी देते हुए राहत और मदद पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने स्थानीय आबादी के व्यावहारिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को हल करने के लिए एक विस्तृत योजना विकसित करने के महत्व पर बल दिया।

भट्ट का कहना हैं कि चर्चा के बाद सीएम धामी ने जिलाधिकारी चमोली से तत्काल वार्ता कर शीघ्र विशेषज्ञ कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट भेजने और प्रभावितों को सभी संभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर बिना देर किए उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रभावितों को जोशीमठ में ही शिफ्ट करना है या उनका पुनर्वास किया जाए. इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

भू-धंसाव से मकानों के साथ कृषि भूमि भी प्रभावित हो रही है। यहां खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं और यह बढ़ती जा रही हैं।कई जगहों पर तो खेतों की दरारें एक फीट तक चौड़ी हो गई हैं। इन दिनों लोगों ने खेतों में सब्जियां बोई गईं हैं लेकिन दरारों से फसल खराब होने का भी डर पैदा हो गया है। जिला प्रशासन की ओर से गठित संयुक्त टीम ने दो दिन में 36 मकानों का सर्वे किया। दूसरे दिन वार्ड नंबर एक गांधी वार्ड में मकानों का निरीक्षण किया गया।
जोशीमठ नगर में करीब दो हजार मकान हैं। सर्वे के अनुसार भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी हैं।

 

 

 

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