स्थानांतरण आदेश न मानने वाले शिक्षकों की पदोन्नति मामले में जांच के निर्देश..
चकराता के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले का आदेश न माने वाले शिक्षकों की पदोन्नति कर उनका मनचाही जगह पर तबादला करने के मामले में विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड: चकराता के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले का आदेश न माने वाले शिक्षकों की पदोन्नति कर उनका मनचाही जगह पर तबादला करने के मामले में विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं। मामले की जांच के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक वंदना गरब्याल ने सीईओ देहरादून से रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा विभाग द्वारा तबादला अधिनियम के तहत आठ जुलाई को 13 शिक्षकों को सुगम से दुर्गम विद्यालयों में अनिवार्य तबादले कर दिया गया था। जिनमें से कुछ शिक्षकों का देहरादून के चकराता ब्लॉक के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में तबादला किया गया था, लेकिन इन शिक्षको ने सुगम से दुर्गम में अनिवार्य तबादला आदेश के बावजूद भी स्थानांतरित नहीं करने का विकल्प चुना।
इसके बाद विभाग ने 7 नवंबर को सरकारी प्राथमिक विद्यालय से 45 सहायक शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत किया। इनमें से कई शिक्षकों का 8 जुलाई को जबरन तबादला भी किया गया, लेकिन उन्होंने चकराता के दुर्गम जिलों के स्कूलों में नामांकन नहीं कराया। विभाग द्वारा इनका प्रमोशन कर विकास नगर, रायपुर आदि जिलों के स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया है। अजीब बात यह है कि विभाग ने इन शिक्षकों को पदोन्नत कर तबादले का जो आदेश किया है उसमें इन शिक्षकों के स्कूल चकराता क्षेत्र में होना दर्शाया गया है जबकि ये शिक्षक चकराता गए ही नहीं।
आपको बता दे कि इसके लिए सीईओ देहरादून मुकुल कुमार सती को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि शीघ्र जांच कर शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाए। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
