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राजमार्ग मंत्री ने महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत के लिए उठाया ये बड़ा कदम..

राजमार्ग मंत्री ने

राजमार्ग मंत्री ने महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत के लिए उठाया ये बड़ा कदम..

वाहन कंपनियों से फ्लेक्‍स इंजन बनाने का किया आग्रह..

देश-विदेश : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन कंपनियों से आह्वान किया है कि वे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल के लिए फ्लेक्स-इंजन वाले वाहनों का निर्माण करें। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स सियाम) के प्रतिनिधिमंडल के साथ मंगलवार को बैठक के दौरान गडकरी ने फ्लेक्स-ईंधन वाहनों के लिए घरेलू प्रौद्योगिकी की जरूरत पर जोर दिया है।

 

 

 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा है कि गडकरी ने कार विनिर्माताओं से फ्लेक्स इंजन के देश में उत्पादन को प्राथमिकता देने को कहा है। इसका इस्तेमाल एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल करने वाले वाहनों में हो सकता है। मंत्री ने कहा कि देश में एथेनॉल अब आसानी से उपलब्ध हो रहा है। देश में पेट्रोल की 70 प्रतिशत खपत दोपहिया वाहनों द्वारा की जा रही है। ऐसे में फ्लेक्स ईंधन वाहनों के लिए घरेलू प्रौद्योगिकी विकसित करने की जरूरत है।

 

 

 

बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान सियाम के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 महामारी की वजह से भारत चरण-6 सीएएफई चरण दो-नियमनों को एक अप्रैल, 2024 तक टालने का आग्रह भी किया है। उनके आग्रह पर विचार का भरोसा दिलाते हुए गडकरी ने स्पष्ट किया कि भारतीय वाहन उद्योग को विश्वस्तरीय गुणवत्ता को पूरा करना पड़ेगा। यदि उद्योग अपने वाहनों के निर्यात वाले देशों में कड़े प्रदूषण मानकों का अनुपालन कर रहा है, उन्हें इन्हीं मानदंडों को भारत में भी पूरा करना होगा।

 

 

 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों एमएसएमई) से कारोबार दक्षता में सुधार के लिए छतों पर सौर संयंत्र लगाने को लेकर सस्ती दर पर मिलने वाली कर्ज योजना के लिए आवेदन करने का अनुरोध किया। डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि छतों पर लगाए जाने वाले सौर संयंत्र एमएसएमई के लिए लाभकारी हैं। इससे बिजली खपत की लागत काफी हद तक कम हो जाएगी। औसतन उनके परिचालन लागत का 20 प्रतिशत हिस्सा बिजली का ही है।

 

 

 

एमएसएमई को छतों पर सौर संयंत्र लगाने में मदद के लिए मंत्रालय ऋण गारंटी कार्यक्रम के लिए विश्वबैंक के साथ काम कर रहा है। इसका मकसद एमएसएमई के लिए वित्त सुलभ कराना है। उन्होंने कहा कि बड़े संयंत्रों से उत्पादित सौर बिजली की दरें 1.9 रुपये प्रति यूनिट तक आ गई हैं। इसको देखते हुए एमएसएमई को अपने ऊर्जा खर्च में कमी लाने के लिए इस अवसर का उपयोग निश्चित रूप से करना चाहिए। विश्वबैंक ने 2016 में सोलर रूफटॉप वित्त पोषण कार्यक्रम शुरू किया था। इसका क्रियान्वयन भारतीय स्टेट बैंक कर रहा है। गडकरी ने कहा कि मैं एमएसएमई से अनुरोध करता हूं कि वे अपने पास की एसबीआई शाखा में जाएं और इस योजना का लाभ उठाएं।

 

 

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