हरीश रावत का कैप्टन अमरिंदर पर हमला, कहा कुछ ऐसा..
प्रभारी पद से मुक्त होने के दिए संकेत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। उनका कहना हैं कि कैप्टन को कांग्रेस में पूरा सम्मान मिला। लेकिन वह कुछ लोगों के उकसावे में जो कदम उठाने जा रहे हैं, वह उनके सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होगा। रावत का कहना हैं कि कुछ बातें थीं, जिन पर मुखिया रहते हुए कैप्टन को निर्णय लेने थे, लेकिन उन्होंने वादे पूरे नहीं किए। अदालत में भी मजबूती से पक्ष नहीं रखवाया।
कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में रावत ने कहा कि सिंह को कांग्रेस ने हमेशा सम्मान दिया है। उन्हें तीन बार पार्टी का प्रांतीय अध्यक्ष और दो बार मुख्यमंत्री बनाया गया। कांग्रेस में उन्हें जितना सम्मान मिला शायद उनके समय के अन्य नेताओं को नहीं मिला होगा। वह खुद इसकी तुलना करें तो उन्हें इसका अहसास होगा।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर से यह उम्मीद थी कि उन्हें सोनिया के साथ खड़े होकर लोकतांत्रित मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में उनके बारे में समाचार पत्रों में जो कुछ भी छप रहा है वे शुभ संकेत नहीं हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके 1980 से मित्र रहे हैं, लेकिन कैप्टन कुछ लोगों के उकसाने में आकर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जिस पर उनके साथ कोई सैद्धांतिक संबंध नहीं होना चाहिए। वह आज भाजपा व गृह मंत्री अमित शाह के साथ नजदीकियों का जो इजहार कर रहे हैं, उससे उनकी सेकुलर राजनेता की पूंजी पर प्रश्नचिह्न लगा है। कैप्टन कह रहे हैं कि उन्हें अपमानित होने के बाद मुख्यमंत्री पद छोडना पड़ा, लेकिन ऐसा नहीं है।
कांग्रेस में उन्हें पूरा सम्मान दिया गया। चुनावी वायदों से संबंधित कुछ ऐसी बातें थी, जिसे सरकार के मुखिया रहते हुए कैप्टन को निर्णय लेने थे, लेकिन वे बार-बार याद दिलाने के बाद भी पार्टी के उन वायदों से मुकर रहे थे। यही नहीं वे कोर्ट मेें सरकार के पक्ष को भी ठीक से नहीं रखवा पाए। रावत ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक को लेकर उनसे बात करनी थी, लेकिन तीन दिन तक उनसे संपर्क नहीं हो सका।
इसके बाद जब बैठक बुलाई गई तो उन्होंने मुख्यंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। पंजाब के लिए 18 सूत्रीय एक्शन प्रोग्राम कैप्टन की सहमति से बना था। उस पर काम न होने पर टीम के अन्य सदस्यों ने नाराजगी जताई। आज लोकतंत्र के सामने चुनौतीपूर्ण समय है तो ऐसे में अमरिंदर के शुभचिंतक इस बात के लिए चिंतित हैं कि वे आगे क्या करने वाले हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से मुक्त होने के संकेत भी दिए। उनका कहना हैं कि वह आज जहां हैं, उत्तराखंड की वजह से हैं। उत्तराखंड के चुनाव पर उनका पूरा फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में वर्षों बाद गरीब एवं दलित मुख्यमंत्री बना है। सभी दलों को उनके अच्छे निर्णयों पर सहयोग करना चाहिए। पंजाब प्रभारी का पद छोड़ने के सवाल पर वह इसे टाल गए। उन्होंने कहा कि मीडिया के लोग जो चाहते हैं वही होगा। उधर हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से हटाए जाने की चर्चा रही।