उत्तराखंड

फर्जी पत्र ने अतिथि शिक्षकों को खूब दौड़ाया

चर्चाचों में रहा अतिथि शिक्षिकों का मामला
रुद्रप्रयाग। सोशल मीडिया पर चली एक खबर ने अतिथि शिक्षकों को खूब दौड़ाया। बाद में पता चला कि यह सब फर्जी है और किसी ने उन्हें बेवकूफ बनाया है। यह पता नहीं चल पाया है कि यह खबर कहां से चली, मगर इस खबर ने अतिथि शिक्षकों को दिन भर परेशान किए रखा।

शुक्रवार सुबह अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर शिक्षा निदेशक के नाम से तीन जुलाई 2017 को जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर घूमने लगा। जिसमें अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति देने की बात कही गई थी। पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चार माह से नियुक्ति की आस लगाये अतिथि शिक्षक पत्र की सत्यता के लिए एक दूसरे से पूछते रहे, मगर कहीं से भी पत्र की सत्यता का पता नहीं चल पाया। कई अतिथि शिक्षक तो अधिकारियों के पास पहुंच गये। बाद में पता चला कि पत्र पूरी तरह फर्जी था। पत्र निदेशक के नाम से भेजा गया था, लेकिन नाम महानिदेशक का लिखा गया था। साथ ही हस्ताक्षर भी फर्जी किए गये थे, मगर इस फर्जी पत्र ने कई अतिथि शिक्षकों की पूरे दिन फजीहत कर ही दी।

वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी केएल रड़वाल से जब इस सम्बन्ध में पूछा गया तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताई। वहीं अतिथि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने भी पत्र को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि पत्र में एक तो हस्ताक्षर महानिदेशक के नहीं है और पत्र निदेशक के नाम से भेजा गया है, जबकि हस्ताक्षर महानिदेशक के नाम से किए गये हैं। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों का मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर दस जुलाई को सुनवाई है। ऐसे में अभी नियुक्ति सम्बन्धी कोई पत्र जारी नहीं हो सकता है। उक्त पत्र किसी की साजिश लगती है, जो केवल अतिथि शिक्षकों को परेशान करने के लिए रची गई है।

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