देवस्थानम बोर्ड को भंग करे सरकार..
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड को लेकर विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा, उत्तराखंड के चारो धामों में जगह जगह पर हो रहा है देवस्थानम बोर्ड विरोध प्रदर्शन केदारनाथ धाम में भी तीर्थ पुरोहितों ने मौन रहकर जताया देवस्थानम बोर्ड का विरोध, चारो धामों पे आश्रित लोग गांव गांव और मोहल्ले कस्बों में कर रहे देवस्थानम बोर्ड और उत्तराखंड सरकार का विरोध कर रहे हैं। केदार सभा की बैठक के बाद सर्वसहमति के बाद देवस्थानम बोर्ड और सतपाल रावत के विरोध में किया पुतला दहन। केदारनाथ के आस्था पथ पर जहां बीते वर्षों तक इन दिनों हजारों तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ता था, वहां इन दिनों तीर्थ पुरोहित अनशन कर रहे हैं। इसकी वजह देवस्थानम बोर्ड है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की बात कही थी, लेकिन अब बोर्ड को भंग करने के बजाय बोर्ड का विस्तार किया जा रहा है। जिससे मुख्यमंत्री की बात झूठी साबित हो रही है।
देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम के आस्था पथ पर बैठकर दूसरे दिन भी कोरोना नियमों का पालन करते हुए अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से मांग की है कि अतिशीघ्र देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया जाए और धाम में पूर्व की तरह व्यवस्था लागू की जाए। पंच पंडा संघ के अध्यक्ष अमित शुक्ला का कहना हैं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की बात कही थी, लेकिन अब देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के बजाय बोर्ड का विस्तार कर मुख्यमंत्री की बात झूठी साबित हो रही है। वहीं, देवस्थानम बोर्ड के विरोध में देवली भणीग्राम में भी तीर्थ पुरोहितों ने सतपाल महाराज का पुतला दहन किया।