मायके के दखल से लड़कियों के नहीं बन पा रहे हैं अपने घर..
तेजी से टूट रहे हैं पति-पत्नी के रिश्ते, मोबाइल फोन से घर-घर में कलह..
शादी के बाद भी मायके वाले अपनी लड़की के लगातार संपर्क में रहते हैं। दिन भर में कई बार बात करते हैं। हर छोटी बड़ी बातों में मां का हस्तक्षेप होने से शादी हो कर नए घर में आई लड़की अपने पति और ससुराल पक्ष के साथ रिश्ता ही नहीं बना पाती हैं। मायके वालों के दखल के कारण पहले दिन से ही वह ससुराल को अलग तरीके से देखती हैं। अपने मायके से दिन भर जुड़ी रहती है।
सोशल: भोपाल की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में काउंसलिंग के दौरान अभी तक हजारों प्रकरणों में यह तथ्य सामने आए हैं कि शादी के बाद भी मायके वाले अपनी लड़की के लगातार संपर्क में रहते हैं। दिन भर में कई बार बात करते हैं। हर छोटी बड़ी बातों में मां का हस्तक्षेप होने से शादी हो कर नए घर में आई लड़की अपने पति और ससुराल पक्ष के साथ रिश्ता ही नहीं बना पाती हैं।
मायके वालों के दखल के कारण पहले दिन से ही वह ससुराल को अलग तरीके से देखती हैं। अपने मायके से दिन भर जुड़ी रहती है। उनके ही निर्देश पर वह काम करती हैं। जिसके कारण हजारों घर बसने के पहले ही बिखरने लगते हैं। पति-पत्नी के बीच तलाक की नौबत आ जाती हैं। कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के दौरान तलाक के लिए 50 फीसदी से अधिक मामलों में मायके वालों के लगातार नियमित हस्तक्षेप के कारण रिश्ते टूटने की बात कही गई है। हर छोटी-बड़ी बात में मायके के लोग हस्तक्षेप करते हैं।
मोबाइल पर ज्याद बात के कारण, मायके और ससुराल के बीच झूला, झूलती लड़की..
मोबाइल फोन रिश्तो को बनने के पहले ही बिगाड़ रहा है। शादी दौरान होकर लड़की ससुराल पहुंचती है। सबसे ज्यादा बात वह अपने मायके वालों और मां से करती रहती है। पति और ससुराल की हर बात को वह मायके से शेयर करती है। मायके वाले उसको ज्यादा से ज्यादा अधिकार संपन्न बनाने और हर किसी को अपनी उंगलियों पर नचाने के नुस्खे देते रहते हैं।
जिसके कारण नव दंपति के बीच में भी वह रिश्ता नहीं बन पाता हैं। जो एक पति पत्नी के लिए जरूरी होता है। इसके साथ ही पत्नी के रूप में शादीशुदा लड़की अपना घर भी नहीं बना और बसा पाती है। जिसके लिए उसने शादी की है। इस तरह के मामलों में काउंसलर की भूमिका भी कोई असर नहीं कर पा रही हैं।
