गुड न्यूज़- 12 सौ करोड़ से संवरेगी टिहरी झील, बनेगी विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल..
उत्तराखंड: उत्तराखंड केवल देवभूमि ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर नदियों और पर्वतों की भूमि भी है | टिहरी शहर भागीरथी एवं भिलंगना नदियों के संगम पर बसा एक छोटा सा शहर था। विश्व के बड़े बांधों में शामिल टिहरी बाँध के निर्माण के फलस्वरूप टिहरी शहर पानी में डूब गया तथा टिहरी झील जिसे आज सुमन सागर के नाम से जाना जाता है, का निर्माण हुआ। टिहरी शहर को विस्थापित करके नई टिहरी शहर में बसाया गया है। टिहरी झील आज बहुत लोकप्रिय हो गयी है। यहा टिहरी झील किसी को भी अपनी और आकर्षित कर सकती हैं। आज यहाँ पर बहुत से पर्यटन स्थल बन गए हैं। जो पर्यटको को अपनी और खींचने की अपार क्षमता रखता हैं। उसी टिहरी झील में अब 12 सौ करोड़ की लागत से यहां झील में नए बोटिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे, साथ ही पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलें, उसके भी इंतजाम होने हैं।
टिहरी झील का निर्माण साल 2006 में पूरा हुआ था। पिछले कुछ सालों में यहां पर्यटन संबंधी गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन ये पर्यटन सिर्फ बोटिंग तक ही सीमित रहा। अब इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी है, जिसके लिए केंद्र ने 12 सौ करोड़ का बजट दिया है। इससे डोबरा, कोटी, तिवाड़ गांव में स्थाई बोटिंग प्वाइंट बने जाएंगे। टिपरी में अस्थाई जेटी के बोट प्वाइंट बनेंगे। स्थाई बोट प्वाइंट में पर्यटकों के आने और जाने के लिए दो रास्ते होंगे। कोटी में हाट बाजार बनेगा, जिसमें स्थानीय उत्पादों की बिक्री होगी। कोटी कॉलोनी में एक कृत्रिम झील बनेगी, जहां वॉटर एम्यूजिंग पार्क बनेगा। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए लाइट एंड लेजर शो आयोजित किया जाएगा।
मदन नेगी और धारकोट गांव के बीच ग्लास पुल और ट्रैक रूट का निर्माण होगा। प्रतापनगर में विशाल साइनेज बनाया जाएगा। इन दिनों झील क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की डीपीआर तैयार हो रही है। जिला पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा का कहना हैं कि 12 सौ करोड़ की लागत से झील में पर्यटन विकास संबंधी काम होंगे। अगले महीने तक डीपीआर फाइनल हो जाएगी, उसके बाद आगे की कार्यवाही होगी। आने वाले वक्त में डोबरा के पास तिवाड़ गांव में होम स्टे विलेज की सुविधा मिलेगी। तीन अरब की लागत से बने डोबरा-चांठी पुल के आसपास भी पर्यटन विकास के कार्य किए जाएंगे।