उत्तराखंड

पांच साल में 158 बिजली बिल जमा केंद्र नहीं बना पाया यूपीसीएल..

पांच साल में 158 बिजली बिल जमा केंद्र नहीं बना पाया यूपीसीएल..

 

उत्तराखंड : वर्ष 2017 में यूपीसीएल ने नियामक आयोग के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि प्रदेश में राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल करने के लिए 11 करोड़ 20 लाख रुपये कीमत से 158 बिल जमा केंद्र बनाए जाएंगे।

447 करोड़ से अधिक के घाटे से जूझ रहा उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) अपने ही बिजली बिलों की वसूली के लिए बिल जमा केंद्र नहीं बना पा रहा है। पांच साल से चल रही इस प्रक्रिया पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल को कड़ी फटकार लगाते हुए 31 जुलाई तक हर हाल में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

वर्ष 2017 में यूपीसीएल ने नियामक आयोग के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि प्रदेश में राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल करने के लिए 11 करोड़ 20 लाख रुपये कीमत से 158 बिल जमा केंद्र बनाए जाएंगे। इस प्रस्ताव को नियामक आयोग ने हरी झंडी दे दी थी। जिसके बाद इन बिल जमा केंद्रों का काम शुरू हुआ, लेकिन कुमाऊं में 28 केंद्रों पर काम शुरू होने के साथ ही ठेकेदार पीछे हट गए। जिससे यूपीसीएल के इन केंद्रों पर काम अटक गया।

आयोग ने की सख्ती तो ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्ट..

नियामक आयोग इस दौरान लगातार पूरे प्रकरण पर नजर बनाए रहा। सख्ती हुई तो यूपीसीएल सात और केंद्र तैयार करने में कामयाब हुआ, लेकिन 21 केंद्र ऐसे हैं जिनके लिए ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं। यूपीसीएल भी एक्शन मोड में नजर नहीं आ रहा था। नियामक आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी तथ्यों पर गौर किया।

 

 

 

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