किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान का होना भी जरूरी: मयूर..
पहली बार डीएम को अपने बीच पाकर छात्राएं दिखी उत्साहित..
डीएम ने किया राबाइंका एवं महाविद्यालय अगस्त्यमुनि का औचक निरीक्षण..
रुद्रप्रयाग। छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य को लेकर उन्हें गुणवत्ता शिक्षा मुहैया कराने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने राजकीय बालिका इंटरमीडिएट काॅलेज एवं राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि का औचक निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता व व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
राबाइंकाॅ के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रभारी प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि शिक्षा की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सभी छात्राओं को बेहतर से बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। इस दिशा में सभी शिक्षकों को कड़ी मेहनत एवं परिश्रम करने की आवश्यकता है, जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर हो सके। जिसके लिए सभी को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की जरूरत है। जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर सहित बायो, कैमिस्ट्री व कंप्यूटर लैब का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कक्षा 9वीं में अध्यनरत छात्राओं से फीड बैक लेते हुए उनके पसंदीदा विषयों से संबंधित सवाल पूछते हुए उनको कैरियर संबंधी टिप्स भी दिए।उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम व आत्मविश्वास का होना आवश्यक है। तभी हम लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने छात्राओं से कहा कि पठन-पाठन के साथ उन्हें व्यवहारिक ज्ञान का होना भी आवश्यक है। पहली बार जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर छात्राएं काफी उत्साहित दिखी।
जिलाधिकारी ने प्रभारी प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि यदि विद्यालय में किसी उपकरण एवं सामग्री की आवश्यकता है तो उसके लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा, ताकि इसके लिए तत्काल धनराशि निर्गत कराई जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए धन की कहीं कमी नहीं होने दी जाएगी। जिलाधिकारी ने शिक्षा सहित विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, शौचालय, कक्षा आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
प्रभारी प्रधानाचार्य ने विद्यालय में गैर सरकारी संगठन गेल इंडिया द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्था ने विद्यालय में 25 सेट फर्नीचर देने के साथ ही प्रोजेक्टर उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही विद्यालय में पेंटिंग का कार्य भी संस्था द्वारा किया गया है।
इस दौरान जिलाधिकारी ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का निरीक्षण कर छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई जा रही शिक्षा की गुणवत्ता के साथ व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। जिलाधिकारी ने प्राचार्य से कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के विषयों की पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएं, जिससे कि शिक्षा के साथ-साथ उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के अवसर भी उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विभिन्न प्रयोगशालाओं में यदि किसी प्रकार के उपकरणों एवं फर्नीचर की आवश्यकता है, तो उसके लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा। ताकि इसके लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा सके। निरीक्षण के दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी यशवंत सिंह चैधरी, प्राचार्य डाॅ. पुष्पा नेगी, प्रभारी प्रधानाचार्य जीजीआईसी रागिनी नेगी, डाॅ. जितेंद्र सिंह, सहित लक्ष्मी रावत, माहेश्वरी रावत, कुसुम रावत, अनीता जगवाण, संगीता राणा आदि अध्यापिकाएं उपस्थित रहीं।