उत्तराखंड

जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में कर्मचारी नहीं मान रहे चिकित्सकों का कहना..

मरीज के ऑपरेशन में स्टाॅफ ने नहीं कोई तैयारी..

ऑपरेशन थियेटर से गुस्से में बाहर आया चिकित्सक..

तीमारदारों ने मीडिया के सामने रखी समस्या, डीएम ने लिया एक्शन..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग हमेशा से ही चर्चाओं में रहा है। कभी रेफर सेंटर के लिए तो कभी मरीजों के साथ दुव्र्यवहार के लिए। अब नया ताजा मामला चिकित्सक और स्टाॅफ के बीच का है। यहां अस्पताल कर्मचारी चिकित्सकों की सुनने को तैयार ही नहीं हैं और ना ही उनका कोई कहना मान रहे हैं। ऐसे में समय पर ऑपरेशन भी नहीं हो पा रहे हैं और मरीज खासे परेशान हैं।

शनिवार को जिला अस्पताल में एक महिला का पथरी का ऑपरेशन होना था, लेकिन मरीज को ऑपरेशन थियेटर में दो घंटे रखने के बाद उन्हें वापस वार्ड में भेजा गया। ऐसे में मरीज के साथ आये तीमारदार परेशान हो गए और उन्होंने चिकित्सक से बात की। चिकित्सक ने बताया कि ऑपरेशन के लिए जो भी तैयारियां की जानी चाहिए थी, वह नहीं की गई हैं। अस्पताल स्टाॅफ की ओर से लापरवाही बरती जा रही है, जिसकी शिकायत डीएम से करें। इसके बाद तीमारदार मीडिया के पास गए और आपबीती सुनाई। मामले में जब अस्पताल पहुंचकर चिकित्सक से बात की गई तो उन्होंने भी मीडिया के समाने मामले को डीएम के सामने रखने को कहा और चले गए। इसके बाद डीएम से वार्ता के बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और मरीज का आॅपरेशन शुरू किया गया। तीमारदार बिशन सिंह मेहता ने बताया कि मरीज को चार माह से पथरी की शिकायत है और पांच दिन से मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया है।

पहले बुधवार को ऑपरेशन की बात कही गयी, फिर शनिवार को ऑपरेशन को कहा गया। जब मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले गए तो एनेस्थीसिया ने हाथ खड़े कर दिए और चिकित्सक डाॅ ऐश्वर्य हटवाल से बात करने को कहा। इसके बाद चिकित्सक ने मरीज की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद ऑपरेशन के लिए मना कर दिया और गुस्से में बाहर आकर कहा कि अपस्ताल स्टाॅफ की ओर से मेडिकल रिपोर्ट में कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है और ऑपरेशन को लेकर भी स्टाफ गायब है। ऐसे में मरीज का ऑपरेशन किया जाना मुश्किल है। करीब दो घंटे तक मरीज ऑपरेशन थियेटर में रहा। इसके बाद चिकित्सक से बात की तो उन्होंने समस्या को डीएम के सामने रखने को कहा। उन्होंने कहा कि मीडिया के पास मामला लेकर गए और उन्होंने डीएम से वार्ता की। जिसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया।

तीमारदार बिशन सिंह मेहता ने कहा कि जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक और स्टाॅफ मरीजों के साथ लापरवाही बरत रहा है। इनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। जब स्टाॅफ ही चिकित्सकों की सुनने को तैयार नहीं है तो मरीजों के साथ कर्मचारियों का किस प्रकार का व्यवहार होगा, यह समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मामले में जिलाधिकारी की ओर से त्वरित कार्यवाही की गई। इसके लिए वे उनका धन्यवाद करते हैं। वहीं जिला चिकित्सालय में बरती जा रही लापरवाहियों के कारण विपक्ष को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल रहा है। कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि जिला अस्पताल के कई मामले सामने आ रहे हैं। मरीजों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।

अस्पताल में भ्रष्टाचार चल रहा है। चिकित्सक का यह कहना कि स्टाॅफ उनकी नहीं सुन रहा है, यह हास्यापद है। अस्पताल में चिकित्सक मोटी रकम लेकर ऑपरेशन कर रहे हैं। यह सबकुछ खेल स्टाॅफ को पता है। ऐसे में वे भी चिकित्सक की सुनने को तैयार नहीं हैं। कहा कि जिला प्रशासन को इस मामले में गंभीरता से कार्यवाही करने की जरूरत है। इधर, प्रभारी सीएमएस डाॅ मनोज बड़ोनी ने बताया कि चिकित्सक की शिकायत सुनने के बाद स्टाॅफ को शीघ्र ऑपरेशन की कार्यवाही के लिए कहा गया और मरीज का ऑपरेशन शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि कभी-कभार ऐसी समस्या सामने आ जाती हैं, जिस पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जाती है।

 

 

 

 

 

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