उत्तराखंड

इस बार धनतेरस पर बन रहा ग्रहों का खास संयोग, ये हैं खरीदारी के चार शुभ मुहूर्त..

इस बार धनतेरस पर बन रहा ग्रहों का खास संयोग, ये हैं खरीदारी के चार शुभ मुहूर्त..

 

 

 

देश-विदेश: इस बार धनतेरस पर खरीदारी और पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और विशेष फल देने वाले मुहूर्त बन रहे हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, मंगलवार दो नवंबर को धनतेरस व चार नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी के साथ आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से की जाएगी। धनतेरस मंगलवार को है।

 

यह पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से पांच दिवसीय दिवाली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है। त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धनवंतरि का जन्म हुआ था। इसलिए इस पर्व को धनतेरस कहा जाता है। इस दिन भगवान धनवंतरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भगवान धनवंतरि जब प्रकट हुए थे, तब उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है।

 

आपको बता दे कि धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी करने से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही समृद्धि आती है। तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख रखने से काल संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अकाल मृत्यु से बचाव होता है।

 

 

 

 

इस बार धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इसे धन योग भी कहते हैं। इस योग में जो भी कार्य करते हैं, उसका तिगुना फल प्राप्त होता है। धन का निवेश करने से तीन गुणा लाभ हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश करके भी इस दौरान लाभ अर्जित होगा। स्वर्ण और चांदी धातु में निवेश करना भी शुभ होगा।

 

धनतेरस पर तीन ग्रहों की युति..

धनतेरस के दिन एक अन्य शुभ संयोग तीन ग्रहों ने मिलकर बन रहा है। सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे। बुध और मंगल मिलकर एक धन योग का निर्माण करते हैं, वहीं सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। इस योग को राजयोग की श्रेणी में भी रखा गया है। वहीं यह योग तुला राशि में बन रहा है, जो व्यापार की कारक राशि मानी जाती है। मंगल-बुध की युति को व्यापार के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए कारोबारी इस दिन निवेश करके या नए व्यवसाय का आरंभ करके आने वाले समय में आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं।

 

ये हैं खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त..

1- चर लग्न – सुबह 8.46 बजे से 10.10 बजे तक

2- अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11.11 बजे से 11.56 बजे तक

3- अमृत मुहूर्त – दोपहर 11.33 बजे से 12.56 बजे तक

4- शुभ योग – दोपहर 2.20 बजे से 3.43 बजे तक

5- वृष लग्न – शाम 6.18 बजे से रात 8.14 बजे तक

 

 

 

 

 

 

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