पानी में मिला कोरोना वायरस, PGI के टेस्ट में खुलासा..
देश-विदेश: देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में अब गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन अभी भी संख्या दो लाख के ऊपर है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1 लाख 96 हजार 427 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना से मौत के आंकड़े एक बार फिर डरा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 3511 लोगों की मौत कोरोना से हो गई। इसी बीच एक हैरान करने वाली खबर भी सामने आयी है। लखनऊ में सीवेज के पानी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।
आपको बता दे कि लखनऊ के पीजीआई ने पानी के सैंपल की जांच की। जिसके बाद पानी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. उज्ज्वला घोषाल का कहना कि आईसीएमआर-डब्लूएचओ द्वारा देश में सीवेज सैंपलिंग शुरू की गई। इसमें यूपी में भी सीवेज के नमूने लिए गए है। एसजीपीआई लैब में आये सीवेज सैंपल के पानी में वायरस की पुष्टि हुई है।
उनका कहना हैं कि लखनऊ में खदरा के रूकपुर, घंटाघर व मछली मोहाल के ड्रेनेज से सीवेज सैंपल लिए गए थे। यह वह स्थान है जहां पूरे मोहल्ले का सीवेज एक स्थान पर गिरता है। 19 मई को इस सैंपल की जांच की गई तो रूकपुर खदरा के सीवेज के सैंपल में कोरोना वायरस पाया गया है। पूरी स्थिति से आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ को अवगत करा दिया गया है। घोषाल ने कहा कि अभी यह प्राथमिक अध्ययन है। भविष्य में इस पर विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।
डॉ उज्जवला घोषाल ने आगे कहा कि कुछ समय पहले पीजीआई के मरीजों में अध्ययन किया गया था उस वक्त यह पाया गया था कि मल में मौजूद वायरस पानी में पहुंच सकता है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कोरोनावायरस से पीड़ित तमाम मरीजों के स्टूल (मल) से सीवेज तक कोरोना वायरस पहुंचा हो। कई अन्य शोध में भी यह बात सामने आई है कि 50 फ़ीसदी मरीजों के स्टूल के वायरस सीवेज तक पहुंच जाते हैं। डॉ उज्ज्वला घोषाल ने कहा कि सीवेज के जरिए नदियों तक पानी पहुंचता है। ऐसे में यह आम लोगों के लिए कितना नुकसान देह होगा इस पर अध्ययन किया जाना बाकी है।