उत्तराखंड

ग्रामीण क्षेत्रों में गन्दे पानी का सुरक्षित तरीके से किया जायेगा निस्तारण..

सामुदायिक सोकपिटों के निर्माण को दी जायेगी प्राथमिकता: नेगी..

ग्रामीण इलाकों में सौ दिनों तक चलाया जायेगा अभियान..

 

 

 

रुद्रप्रयाग: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के प्रथम चरण के अन्तर्गत ग्रामों में खुले में शौच की प्रथा को पूर्णतया समाप्त करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं आर्थिक लाभ हुए है। यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि ओडीएफ स्थिति को स्थायी रखने एवं खुले में शौच प्रथा के प्रति व्यवहार परिवर्तन को विशेष महत्व दिया जाना है, जिससे जनमानस स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के स्थायी लाभ को समझ सके। परियोजना प्रबन्धक स्वजल एमएस नेगी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज द्वितीय के अन्तर्गत सामुदायिक सोकपिटों के निर्माण को प्रोत्साहित एवं प्राथमिकता दी जानी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में गन्दे पानी का सुरक्षित निस्तारण सुनिश्चित हो सके।

 

विभिन्न राज्यों में गन्दे पानी के विकेन्द्रीकृत प्रबन्धन में सोकपिटों विशेष रूप कारगर एवं प्रभावी सिद्ध हुए हंै। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सौ दिवसीय अभियान का शुभारम्भ गत् 25 अगस्त से किया है, जिससे स्थानीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को ऊर्जा प्रदान की जा सकेगी एवं जनमानस को समेकित रूप में कार्य करने के लिए एकत्र कर प्रोत्साहित किया जा सकेगा। इन प्रयासों से ओडीएफ के परिणामों को स्थायित्व मिलेगा एवं राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में गन्दे पानी के प्रभावी प्रबन्धन को लेकर हजारों सोकपिटों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा।

 

 

 

उन्होंने बताया कि ओडीएफ स्थायित्व एवं ग्रामों में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोकपिटों के निर्माण में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की निधि को उपयोग में लाया जा सकता है। इसके साथ-साथ अधिक फंड की आवश्यकता होने पर 15वें वित्त आयोग एवं मनरेगा निधि का भी उपयोग किया जा सकता है। बताया कि सौ दिवसीय अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यकतानुसार सामुदायिक सोकपिट एवं व्यक्तिगत सोकपिट स्वजल एवं 15वां वित्त से बनाने के लिए एक सितंबर से तीस नवंबर तक के लक्ष्य के अनुसार तीनों विकास खंडों के अंतर्गत कुल 336 ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत सोकपिट 750 तथा 75 सामुदायिक सोकपिट स्वजल के तहत निर्धारित हैं।

 

इसी तरह 15वां वित्त के तहत 1344 व्यक्तिगत तथा 336 सामुदायिक सोकपिट निर्धारित हैं। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के तहत स्वच्छता संवाद, स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान- सौ दिन का अभियान 25 अगस्त से, सत्याग्रह से स्वच्छताग्रह रथ यात्रा 15 सितंबर से दो अक्टूबर तथा स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इसी तरह इस अभियान के दौरान ग्रामों में सामुदायिक विचार-विमर्श, खुली बैठकों का आयोजन एवं वर्तमान में स्थायित्व व ओडीएफ की स्थिति को समझाने के लिए ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा।

 

 

 

इसके साथ ही ग्राम सभा की बैठकों में ओडीएफ स्थायित्व के लिए संकल्प लेना एवं गंदे पानी के प्रबंधन के लिए वांछित संख्या में सोकपिटों के लक्ष्यों को पूर्ण करना, सौ दिवसीय अभियान की कार्ययोजना विकसित करना, जिसमें स्थायित्व एवं सोकपिट निर्माण से संबंधित गतिविधियां सम्मिलित हों। आईईसी गतिविधियों एवं सामुदायिक सहयोग से जहां आवश्यक हो, शौचालय की मरम्मत के कार्यों किया जाएगा। गांवों में नवीन परिवारों के पास शौचालय सुविधा को सुनिश्चित किया जाएगा।

 

उन्होंने उक्तानुसार समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अगले तीन से चार दिनों के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाली बैठकों का रोस्टर तैयार कर लिए जांए। साथ ही संबंधित गांव के फील्ड स्टाफ को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए। बताया कि जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी रोस्टर के अनुसार क्षेत्र भ्रमण किया जाएगा। सौ दिवसीय स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान के सुचारू व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए योजना तैयार कर विकासखंडों में अभियान को सफल बनाने की अपील की है।

 

 

 

 

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