Uttarakhand Budget 2021: सीएम रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को बनाया नया मंडल..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में सभी को चौंकाते हुए गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा कर दी। गढ़वाल, कुमाऊं के बाद राज्य के इस तीसरे मंडल में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले शामिल किए गए हैं। गैरसैंण मंडल मुख्यालय होगा। विधानसभा में बजट भाषण समाप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को मंडल बनाने का एलान किया।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण में कमिश्नर और डीआईजी स्तर का अधिकारी बैठेगा। गैरसैंण के सुनियोजित नगरीय विकास के लिए एक महीने में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले साल आज ही के दिन भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी।
सबकी निगाहें मुख्यमंत्री पर ही लगी थी कि वे गैरसैंण के लिए इस साल क्या घोषणा करते हैं। लोग यही सोच रहे थे कि वह गैरसैंण को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया। सदन में जब उन्होंने यह घोषणा की तो सत्ता पक्ष ने मेजे थपथपा कर इसका जोरदार समर्थन किया।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में 20 हजार फलदार पौधे रोपकर यहां फल पट्टी विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि फलदार पौधरोपण करने के साथ ही यहां फल एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित होगी। मुख्यमंत्री ने हाल ही में बनाई गई नई नगर पंचायतों के लिए एक-एक करोड़ रुपये की घोषणा की। इस धनराशि से नवगठित सात नगर पंचायतों में अवस्थापना सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
चार जिलों का नया मंडल बन जाने से ग्रीष्मकालीन राजधानी के लोगों को कई मायनों में सहूलियत होगी। इसके साथ ही इससे अब गैरसैंण के जिला बनने की संभावना और बढ़ गई है। प्रदेश में मंडलायुक्त का सीधा सरोकार प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही राजस्व से भी है। राजस्व के तहत ही कुछ हद तक न्याय व्यवस्था भी है। नया मंडल बन जाने से अब कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के चार जिलों के लोगों को देहरादून और नैनीताल का चक्कर काटने से निजात मिलेगी।
दूसरी ओर, ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के विकास को अब प्रदेश सरकार सीधे रूप से आयुक्त के जरिये देख पाएगी। मंडलायुक्त की मौजूदगी से सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए काम करने में भी आसानी होगी। इसके साथ ही गैरसैंण के अपग्रेड होने की राह भी बन गई है। प्रदेश में जिस समय रुद्रप्रयाग को जिला बनाया गया था, उस समय रुद्रप्रयाग मात्र नगर पंचायत थी। बाद में सरकार को रुद्रप्रयाग को भी नगर पालिका बनाना पड़ा था। इसी तरह गैरसैंण इस समय मात्र एक तहसील है।
यह हो जाएगा तीनों मंडलों का स्वरूप..
गढ़वाल मंडल- देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी
गैरसैंण मंडल- रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा और बागेश्वर
कुमाऊं मंडल- ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत
गैरसैंण को जिला बनाया नहीं कमिश्नरी की कर दी घोषणा: हरीश रावत..
गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में बजट प्रस्तुत होने के बाद गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बजट राज्य के लोगों को धोखा देने वाला है। बजट की कोई दिशा नहीं है और न ही कोई होमवर्क हुआ है। यह चुनाव वर्ष के आधार पर कोरी घोषणाओं का बजट है। उन्होंने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री को वैट घटाकर पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने चाहिए थे।
उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि सरकार पूर्व बजट का 40 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर पाई है। गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने की घोषणा पर पूर्व सीएम ने कहा कि गैरसैंण को जिला बनाया नहीं और कमिश्नरी की घोषणा कर दी। गैरसैंण के लोगों को भी सरकार के इस निर्णय पर आश्चर्य होगा। इस मौके पर पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी, ललित फरस्वाण, ब्लॉक प्रमुख विनीता देवी और तेजवीर कंडेरी आदि मौजूद थे।
गैरसैंण हमारी पहचान से जुड़ा नाम: त्रिवेंद्र..
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण हमारी भावनाओं से जुड़ा है। गैरसैंण हमारी पीड़ा हमारी तकलीफ और हमारी पहचान से जुड़ा हुआ नाम है और जब हम पीड़ा की बात, कष्ट की बात करते हैं, इसका मतलब यह होता है कि जो हमारे दूरस्थ हैं उनका विकास, वहां तक पहुंचे और वहां की जनसामान्य की सरकार तक पहुंचे, उसके हिसाब से अपनी नीतियां बनाना, कहीं पर अगर कानूनों, एक्ट की जरूरत है तो उसको बनाया जा सकता है।
जो निर्णय हो रहे हैं वह इन सब आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और जो हम चाहते हैं जहां तक हम पहुंचना चाहते हैं वहां तक हम पहुंच पाएंगे। इस पहचान के साथ हम काम कराने का प्रयास कर रहे हैं। उसके अनुसार हम अपनी नीति निर्धारण कर रहे हैं। कार्यक्रमों की योजना कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी जो मातृशक्ति है, उसमें ताकत है। उसमें समझ है और वह बहुत सृजनशील है। हमारी जो मां बहने हैं वो आने वाले समय में अपने पैरों पर खड़ी हुई नजर आएंगी ऐसा मेरा विश्वास है।
सोच समझकर घोषणा की जाती है..
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सोच समझकर ही घोषणा की जाती है। क्योंकि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद यहां पर कुछ सीनियर ऑफिसर्स का बैठना बहुत जरूरी है और इसलिए दो जनपद गढ़वाल मंडल से और दो कुमाऊं मंडल से लेकर के एक नई कमिश्नरी यहां पर आज घोषित की गई है। डीआईजी रेंज का भी कार्यालय यहां पर होगा, कमिश्नर का भी कार्यालय यहां पर होगा और जो भविष्य की जो प्लानिंग है जो मैंने आज अपने बजट भाषण में कहा है कि टाउन प्लानर के लिए बहुत जल्दी टेंडर किए जाएंगे।
कमिश्नर को यहां बैठना होगा..
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी कमिश्नर होंगे उन्हें यहां बैठना होगा। गैरसैंण का हमको पुनर्निर्माण करना है गैरसैंण को हमको नई राजधानी के रूप में इसको विकसित करना है उसके लिए बहुत जरूरी है यहां पर सीनियर ऑफिसर यहां पर बैठें।
