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उत्तराखंड में एक गांव ऐसा भी, जहां विदेशी लोगों का जाना है मना..

उत्तराखंड में एक गांव ऐसा भी, जहां विदेशी लोगों का जाना है मना..

चकराता में विदेशी लोगों का जाना है बैन..

 

 

 

उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड की सुंदरता को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तराखंड का एक गांव जहां विदेशी लोगों का जाना मना है? आपको बता दे कि उत्तराखंड के चकराता गांव में विदेशी लोगों के जाने पर बैन है। चकराता गांव भारतीय आर्मी की छावनी है। यह गांव 24 घंटे भारतीय आर्मी की निगरानी में रहता है। पुराने समय में यह गांव ब्रिटिश इंडियन आर्मी का छावनी क्षेत्र हुआ करता था। यहां आपको हर तरफ आर्मी के लोग देखने को मिलेंगे।

 

अगर आप बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों को देख सुबह का नाश्ता करना चाहते हैं तो चकराता जरूर घूमें। यह गांव दिल्ली से करीब 330 किमी दूर है। चकराता देहरादून के पास बसा एक छोटा सा शहर है, जो ब्रिटिश शासन के दौरान इंफैन्ट्री बेस के रूप में कार्य करता था। चकराता गांव उत्तराखंड के सबसे कम एक्सप्लोर शहर में से एक है। चकराता गांव विशेष रूप से शांत, सुंदर और प्रदूषण मुक्त जगह के लिए जाना जाता है। इस गांव की जनसंख्या भी बेहद कम है। इसलिए आपको यहां रहने के लिए गिने चुने 2-4 होटल ही मिलेंगे। इस गांव में जौनसारी जाति के लोग रहते हैं। इस गांव को जौंसार बावर के नाम से भी जाना जाता है।

 

बता दे कि टाइगर फॉल उत्तराखंड का सबसे ऊंचा झरना है। यह जमीन से लगभग 100 मीटर ऊंचा है। अगर आप इस झरने को देखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी होगी। आपको बता दें कि इस झरने तक पहुंचने के लिए कोई बस सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस झरने को देखने के लिए आपको कच्चे और संकरे रास्तों से गुजरना पड़ेगा। यही कच्चे और संकरे रास्ते आपकी ट्रेकिंग को अधिक रोमांचक बना देंगे। और इस झरने को देख मन मोहित हो जाता हैं।

 

देववन से भी आप चकराता का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यही नहीं यहां आपको बर्फ से ढके हिमालय के पर्वतों का मनोरम दृश्य भी देखने को मिलेगा। चकराता से देववन जाने के लिए आप गाड़ी से भी जा सकते हैं या कानसार से ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं। यह क्षेत्र देवदार के पेड़ो से घिरा हुआ है। देवदार पेड़ इस क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। लंबे लंबे देवदार के पेड़ और बर्फ आपकी यात्रा को और भी शानदार बना देता हैं।

 

यह क्षेत्र चकराता मार्केट से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है। अगर आप सूर्यास्त देखना पंसद करते हैं तो यह क्षेत्र आपके लिए बिल्कुल सही है। यह क्षेत्र सूर्यास्त का मनोरम दृश्य का अनुभव कराता है। आप चिरमिरी क्षेत्र जाकर परम आनंद की विभूती कर सकते हैं।

 

चकराता गांव के रोचक तथ्य..

वसंत ऋतु के दौरान यहां लाल बुरांश के फूल खिलते हैं। इन फूलों को मोर्टार और पेस्टल से कुचलकर स्पेशल जूस बनाया जाता है। यह क्रॉप स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के रहस्यमय और क्रीम का स्थायी गढ़ है, जिसे ‘स्थापना 22’ (जिसे ‘टू-टू’ कहा जाता है) के रूप में भी जाना जाता है। यह भारतीय सेना की एकमात्र पारंपरिक तिब्बती इकाई है जो 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इकट्ठी हुई थी।

 

 

 

 

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