उत्तराखंड

PWD के गेस्ट हाउस पर चला बुलडोजर, राहत शिविर में दिखा ऐसा हाल..

PWD के गेस्ट हाउस पर चला बुलडोजर, राहत शिविर में दिखा ऐसा हाल..

दरकते भवनों की संख्या ने बढ़ाया खौफ..

 

 

 

 

 

 

 

भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में हालात लगातार चिंता पैदा कर रहा है। यहां आने वाले वैज्ञानिकों के ठहरने के लिए बने जीएमवीएन गेस्ट हाउस में बुधवार को उसमें भी दरारें आने से हड़कंप मच गया।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में हालात लगातार चिंता पैदा कर रहा है। यहां आने वाले वैज्ञानिकों के ठहरने के लिए बने जीएमवीएन गेस्ट हाउस में बुधवार को उसमें भी दरारें आने से हड़कंप मच गया। लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को जेसीबी से तोडऩे का काम आज गुरुवार से शुरू हो गया है।

जोशीमठ में प्रभावितों के लिए राहत शिविरों में बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय के ढांचे में भी बारीक दरारें दिखाई दे रही हैं। हालांकि ये पुरानी बताई जा रही हैं। होटलों को तोडऩे के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने का काम शुरू हो गया है। बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। अब तक 258 परिवार सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है।

जोशीमठ में भूस्खलन नहीं रुक रहा है। शहर की 849 इमारतों में अब तक दरारें आ चुकी है। होटल माउंट व्यू और मलारी इन के अलावा दो अन्य होटलों कॉमेट और स्नो क्रेस्ट में भी दरारें आ गई हैं। होटल आपस में मिलने लगे हैं। वही तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्सों में भी भूस्खलन हो रहे हैं। जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसर गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही ठहरते थे। बुधवार की सुबह भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।

पहले गेस्ट हाउस के प्रथम तल के कक्ष संख्या 204 से 208 तक पांच कमरों की दीवार में हल्की दरारें थीं। अब देखा गया तो ये दरारें और बढ़ गईं। कमरों और कार्यालय की दीवारों पर दरारें उभरी हुई हैं। इसके निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लग गई हैं। इस लिहाज से गेस्ट हाउस के पांच डीलक्स कमरे असुरक्षित हो गए हैं। जिनमें पर्यटकों को ठहराना ठीक नहीं होगा। जल्द ही इस भवन को भी असुरक्षित घोषित करने के आसार हैं।

 

नगर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आ गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में यहां दरारें आई हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है और दो दिन में यहां दरारें काफी बढ़ी हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी भूस्खलन की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्डों में 849 भवन प्रभावित हुए हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया हैं।

जिला प्रशासन ने अब तक सुरक्षा चिंताओं के कारण 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।

 

 

 

 

 

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