थानो रोड पर 2018 में बने पुल की एप्रोच ध्वस्त, सवालों के घेरे में लोक निर्माण विभाग..
उत्तराखंड: लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गयी है। जिस पुल का निर्माण वर्ष 2018 में किया गया था, उसकी एप्रोच रोड तीन साल से भी कम समय में ध्वस्त हो गई। यह पुल थानो रोड पर बडासी के पास बना है। इसकी रायपुर की तरफ वाली एप्रोच रोड पर बुधवार दोपहर को धंसाव देखने को मिला था। इसके चलते एप्रोच की दीवार भी बाहर की तरफ निकल आई थी। यह धंसाव धीरे-धीरे कर बढ़ने लगा और देर शाम को एप्रोच रोड का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
राजमार्ग खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता जेएस रावत का कहना हैं कि हल्के वाहनों के लिए एप्रोच रोड का एक हिस्सा खुला है। साथ ही इस बात की पड़ताल भी की जा रही है कि पुल की एप्रोच रोड इतनी जल्दी ध्वस्त कैसे हो गई। एप्रोच रोड के ध्वस्त हिस्से को दुरुस्त करने का काम गुरुवार सुबह से शुरू कर दिया जाएगा। अधिशासी अभियंता का कहना है कि पुल का निर्माण उनके कार्यकाल से पहले किया गया है, लिहाजा, गुणवत्ता को लेकर वह कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। शुक्र है कि घटना के वक्त रोड से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पुल के धंसने के बाद लोनिवि की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
इस पुल का निर्माण अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से कुछ समय पहले पूरा कर दिया गया था। समिट के लिए पुल का निर्माण पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों का भारी दबाव था। इसके चलते दिन-रात पुल पर निर्माण किया गया। वहीं, एप्रोच रोड पर नौ मीटर तक भरान भी किया गया। इतने गहरे भरान के बाद सतह के नेचुरल कॉम्पैक्शन (प्राकृतिक रूप से सख्त बनाना) के लिए काफी समय चाहिए होता है। जाहिर, है समिट को देखते हुए एप्रोच रोड को इतना समय दिया ही नहीं गया। बताया जा रहा है कि ऊपर से एप्रोच रोड को पक्का तो कर दिया गया, मगर भीतर की मिट्टी कच्ची अवस्था में रह गई। यही कारण है कि एप्रोच रोड इतने कम समय में जवाब दे गई।
