तीसरे दिन हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए खुला बद्रीनाथ हाईवे..
खांकरा में बद्रीनाथ हाईवे पर अभी भी भारी वाहनों की आवाजाही संभव नहीं..
रुद्रप्रयाग: यूँ ही नहीं उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता हैं। जहां पर इंसान की सोच और मशीनों की ताकत फेल हो जाती है, वहां आस्था और प्रार्थनाएं जीत जाती है। अब आप ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को ही देख लीजिये जो 2, 3 दिनों से बंद हुआ था जिसमे बार बार भूस्खलन हो रहा था जिसके चलते यह पर इंजीनियर भी परेशान हो गए थे। जिसके बाद लोनिवि के अधिकारी मां धारी देवी की शरण में पहुंच गए। अधिशासी अभियंता बीएल मिश्रा धारी देवी मंदिर में पहुंचे थे और प्रसाद चढ़ाकर वहां पूजा-अर्चना की थी। जिसके बाद आज एक सुखद खबर सामने आई है। मलबा आने की वजह से बंद आवागमन को अब 3 दिन बाद छोटे वाहनों के लिए खोला गया है।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे खांकरा के पास तीसरे दिन खोल दिया गया, जबकि जोखिमों के बीच एनएच लोनिवि द्वारा पहाड़ी काटकर हाईवे को हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु किया गया है। इसी बीच भारी बारिश से भी मार्ग खोलने में काफी परेशानियां हुई। इधर, बुधवार को भी रुद्रप्रयाग और चमोली के लिए दूध, सब्जी और जरूरी सामान की आपूर्ति श्रीनगर सौंराखाल मोटर से हुई। ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर खांकरा के पास बीते रविवार रात्रि मलबा बोल्डर आने से यहां करीब अस्सी मीटर हाईवे ध्वस्त हो गया।
जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रही। तीन दिनों की मशक्कत के बीच एनएचल लोनिवि द्वारा मशीनें लगाकर हाईवे को खोलने का काम शुरू किया गया किंतु कठिन और जोखिम भरे स्थान पर पत्थरों के लगातार गिरने से कार्य बाधित होता रहा। इधर पुश्ता ध्वस्त होने के कारण पहाड़ी काटकर सड़क बनाने का प्रयास किया गया। बुधवार को भी एनएच द्वारा लगातार सड़क खोलने का प्रयास किया गया किंतु बार-बार पहाड़ी से पत्थर आने के कारण कार्य में बाधा पैदा हुई। करीब साढ़े चार बजे हाईवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। हालांकि अभी भी हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है।
लोनिवि एनएच श्रीनगर के एई राजेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को हाईवे पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी गई है। भारी वाहनों के लिए हाईवे के क्षतिग्रस्त स्थान पर पुश्ता लगाया जाएगा, इसमें कुछ समय लग सकता है। इधर हाईवे बंद होने से बुधवार को भी रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी, जबकि कई जरूरतमंद लोगों को हाईवे बंद होने से कई किमी अतिरिक्त दूसरे मार्ग से होकर रुद्रप्रयाग और चमोली जाना पड़ा। बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी परेशानियां उठानी पड़ी। जबकि कई लोग जाम में फंसते हुए सड़क खुलने का इंतजार करते रहे।
