दिल्ली के शिक्षकों ने किया जिले के स्कूलों का भ्रमण..
पहाड़ी जिलों की शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की..
जिले के अध्यापकों ने पूछे दिल्ली मॉडल के बारे में सवाल..
रुद्रप्रयाग। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों का 22 सदस्यीय शैक्षिक दल ने जिले का भ्रमण किया। इस दौरान दल ने रुद्रप्रयाग जनपद के शिक्षकों से मुलाकात करते हुए उन्हें दिल्ली के एजुकेशन मॉडल पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही यहां के शैक्षणिक माहौल के बारे में जाना। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन के प्रमुख दीपक रावत ने दल का जनपद आगमन पर स्वागत किया। उन्होंने फाउण्डेशन द्वारा जनपद में किये जा रहे शैक्षिक सहयोग के बारे में बताया। साथ ही दल को जनपद के भौगोलिक स्वरूप से परिचित कराते हुए इसके विशिष्ट धार्मिक व पर्यटन स्थलों से भी परिचित कराया। अध्यापक हेमंत चौकियाल ने 22 सदस्यीय दल का जनपद आगमन पर स्वागत अभिनंदन करते हुए दल को जनपद के विद्यालयों में अध्यापकों की संख्या और शैक्षिक ढांचे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। दिल्ली के इस दल के संयोजक एससीईआरटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अजय कुमार सिंह ने अपने दल का परिचय कराते हुए बताया कि उनके दल में मेंटर शिक्षक, कोर अकादमिक यूनिट (अनुसंधान व आंकलन) और प्राथमिक ब्रांच के कार्यपत्रक निर्माण टीम के सदस्य हैं।
दिल्ली एजुकेशन मॉडल की विस्तृत जानकारी देते हुए अजय कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली देश का वह पहला राज्य है, जिसने शिक्षा को अपनी प्रमुख प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने दिल्ली के विद्यालयों के वर्गीकरण के बारे में बात करते हुए बताया कि अब दिल्ली के विद्यालयों में सबसे अधिक ध्यान इस बात पर दिया जाता है कि बच्चे की क्या-क्या शैक्षिक आवश्यकताएं हैं और इन आवश्यकताओं की पूर्ति किन स्तरों पर किस-किस द्वारा की जा सकती है। इसके अलावा संचालित सर्वोदय विद्यालयों में नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाएं संचालित होती हैं, जबकि अन्य विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं संचालित होती हैं। बातचीत को विस्तृत अकादमिक रूप देते हुए आंकलन, समेकित पाठ्यक्रम, हैप्पीनैस करिकुलम, लर्निंग लॉस और इसकी भरपाई आदि मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। वक्ताओं में जागृति सिंह, सत्येंद्र कुमार, राहुल कुमार, प्रमिला सोलंकी, शालू गौर, सीमा घई, प्रीती अनेजा, डॉ अंकित कुमार, योगिता गिरोत्रा, प्रदीप हुण्डा, ममता चुग आदि ने उत्तराखंड के शिक्षकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के जवाब दिये, जबकि भावना, विजेता, सविता, प्रियंका, मधुमिता, रजवंत कौर, सुमित कुमार, सुनील कुमार, सुनीता भटेजा राहुल कुमार ने उत्तराखंड के विद्यालयों के भ्रमण के अपने अनुभव साझा किये।
इस मौके पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अगस्त्यमुनि कार्यालय के रजनीश बहुगुणा, मोहित शर्मा सहित रुद्रप्रयाग के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक उपस्थित थे। इस दौरान दिल्ली के इस दल को रुद्रप्रयाग के कलाकारों द्वारा लघु फिल्मों की श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामित फिल्म पताल ती के बारे में जानकारी देते हुए फिल्म के एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर और राप्रावि चमेली के शिक्षक गजेन्द्र रौतेला ने बताया कि यह फिल्म भोटिया जनजाति के एक बुजुर्ग और उनके पोते की कहानी के लेकर बनाई गई है। दुनिया के 111 देशों से नामित 2548 फिल्मों में से यह फिल्म उत्तराखंड की पहली फिल्म है, जिसका चयन वर्ड प्रीमियर के लिए हुआ है।