केदारनाथ यात्रा पड़ाव में पशु पालन विभाग की चार टीमें तैनात..
24 घंटे अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों को उपलब्ध कराई जा रही आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं..
रुद्रप्रयाग: मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ आशीष रावत ने बताया कि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में पशुपालन विभाग के विभिन्न कार्मिकों द्वारा गांवों में भ्रमण के दौरान घोड़े-खच्चरों में होने वाले रोगों एवं रोकथाम की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है
तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों को पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिनचोली व केदारनाथ धाम में अस्थाई पशु चिकित्सा शिविरों की स्थापना यात्रा आरंभ के पूर्व से ही की गई है।
पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी, वैटनरी फार्मसिस्ट व सहायक स्टाफ को कुल चार टीमों में तैनात किया गया है, जिनके माध्यम से 24 घंटे अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों को आवश्यक पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा घोड़े-खच्चरों की पशु चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाली आवश्यक औषधियों के क्रय के लिए उपलब्ध करवाई गई धनराशि से भी अतिरिक्त औषधियां क्रय कर बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
यात्रा प्रारंभ होने से आतिथि तक यात्रा मार्ग पर विभाग द्वारा कुल 1062 अश्ववंशीय पशुओं का उपचार किया गया है। यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों, माल ढुलान के लिए आने वाले समस्त घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वस्थ पशुओं की टैगिंग कर भारत सरकार की पशुधन बीमा योजनांतर्गत रियायती दरों पर पशु बीमा किया जा रहा है। यात्रा के दौरान उक्तानुसार बीमित घोड़े-खच्चरों की मृत्यु की दशा में उनका शव परीक्षण करते हुए पशुपालक को बीमा क्लैम दिलवाने में सहायता प्रदान की जा रही है।