उत्तराखंड

घोड़े-खच्चरों की मौत पर भड़क उठे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज..

घोड़े-खच्चरों की मौत पर भड़क उठे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज..

पशु अधिकारियों को जमकर लताड़ा, सुलभ के खिलाफ कार्यवाही के दिए निर्देश..

घोड़ा-खच्चर मालिक-हाॅकर पर भी कार्यवाही करने के दिए निर्देश..

रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा के तहत जनपद रुद्रप्रयाग पहुंचे लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने पशु अधिकारियों को जमकर लताड़ा। उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। साथ ही घोड़े-खच्चरों को दफनाने की जगह उन्हें मंदाकिनी नदी में प्रवाहित करने वालों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने मामले में डीएम को सख्त से सख्त कार्यवाही करने को कहा।

बता दें कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की बैठक लेने पहुंचे पर्यटन मंत्री ने जिला सभागार रुद्रप्रयाग में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की हो रही मौत पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग पर अब तक 50 से ज्यादा बेजुबान जानवरों की मौत हो गई है। यह बहुत ही दुखदायी बात है। इसके लिए दोषी लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर जानवरों को मरने के लिए छोड़ा जा रहा है। पशु पालन विभाग के कर्मचारी घोड़े-खच्चरों का इलाज तक नहीं कर पा रहे हैं, जबकि घोड़ा-खच्चर मालिक व हाॅकर भी उनकी परवाह नहीं कर रहे हैं

और मरने वाले जानवरों का दाह संस्कार करने के वजाय सीधे मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है। इससे बड़ा दुख क्या हो सकता है। आक्रोश जाहिर करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि घोड़े-खच्चरों की मौत क्यों हो रही है और इसके लिए कौन दोषी है। इस बात का पता लगाया जाए और उन लोगों पर सख्त कार्यवाही की जाए।

कहा कि अगर इसके लिए हाॅकर और मालिक दोषी हैं तो उन पर भी कार्यवाही की जाए। इसके अलावा सुलभ इंटरनेशनल के खिलाफ भी उन्होंने सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। सुलभ की ओर से मरे हुए घोड़े-खच्चरों को दफनाने की प्रक्रिया ना करते हुए सीधे मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदी भी मैली हो रही है और महामारी फैलने की भी आशंका बनी हुई है।
बाॅक्स न्यूज

 

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